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I-N-D-I-A गठबंधन की बैठक से पहले दिल्ली में राहुल गांधी व अभिषेक बनर्जी ने की अहम बैठक

राहुल और अभिषेक ने दिल्ली में अलग से मुलाकात की. राजनीतिक हलकों का मानना ​​है कि यह पर्याप्त संकेत है. 2024 के लाेकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरु हो चुकी है.

By Shinki Singh | August 31, 2023 12:35 PM

मुंबई में विपक्षी गठबंधन I-N-D-I-A की बैठक से पहले राहुल गांधी और अभिषेक बनर्जी ने दिल्ली में एक अहम बैठक की है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजनीतिक हलकाें में इस मुलाकात को राज्य और राष्ट्रीय राजनीति के लिहाज से काफी अहम मान रहा है. लंबी राजनीतिक उठापटक के बाद कांग्रेस के चेहरे राहुल गांधी और तृणमूल के नेता अभिषेक बनर्जी आमने सामने होना काफी अहम माना जा रहा है.

लोकसभा चुनाव 2024 की समग्र रणनीति पर हुई चर्चा

कांग्रेस सूत्रों के हवाले से लोकसभा चुनाव 2024 की समग्र रणनीति पर चर्चा हुई है. खास बात यह है कि राहुल और अभिषेक अगले दो दिनों तक एक ही शहर यानी मुंबई (मुंबई में विपक्ष की बैठक) में रहेंगे . एक ही बैठक कक्ष में रहें. लेकिन इसके बावजूद राहुल और अभिषेक ने दिल्ली में अलग से मुलाकात की. राजनीतिक हलकों का मानना ​​है कि यह पर्याप्त संकेत है. 2024 के लाेकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरु हो चुकी है.

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इस बैठक के लिए अभिषेक मुंबई जाने से पहले अलग से गए थे दिल्ली

इस बैठक के लिए अभिषेक बनर्जी मुंबई जाने से पहले अलग से दिल्ली गए थे. वह सीधे तौर पर ममता बनर्जी के साथ मुंबई नहीं गए थे. इससे पहले बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक में ममता और राहुल के बीच बड़ी समझदारी दिखी. प्रेस कॉन्फ्रेंस के मंच से ममता ने राहुल को ‘हम सबके प्रिय’ कहकर संबोधित किया था. इस गठबंधन को दोनों ने मिलकर नाम दिया था. हालांकि, राजनीतिक हलकों के मुताबिक भले ही ममता व सोनिया का समीकरण अच्छा है, लेकिन ममता व राहुल के बीच इतने करीबी रिश्ते नहीं थे.

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कांग्रेस और तृणमूल के रिश्तों में आ रही मिठास

हाल के दिनों में राहुल ने समय-समय पर विपक्षी नेताओं के साथ बैठकें की हैं, लेकिन उन्हें किसी अन्य पार्टी के नेता के साथ इतनी अहमियत के साथ निजी मुलाकात करते नहीं देखा गया है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक अभिषेक सुबह 6:30 बजे राहुल से मिलने पहुंचे. दोनों नेताओं ने एक घंटे तक अकेले में बातचीत की. इसके बाद राहुल एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए. इसके बाद राज्य की राजनीति में कांग्रेस और तृणमूल के रिश्तों को लेकर उत्सुकता है. दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सोनिया गांधी की तृणमूल नेता ममता बनर्जी से नजदीकियां काफी पुरानी हैं. लेकिन बेंगलुरु मीटिंग तक तृणमूल नेतृत्व को राहुल के साथ उस दोस्ती या रिश्ते की गर्माहट नजर नहीं आई थी.

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संसदीय सत्र में दोनों विपक्षी दल करीब आते दिख रहे हैं

राहुल के सांसद पद से हटने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस और तृणमूल के बीच रिश्ते सबसे पहले रंग बदलने वाले थे. ममता ने घटना पर विरोध जताते हुए तुरंत ट्वीट किया था. इसके बाद संसदीय सत्र में दोनों विपक्षी दल करीब आते दिख रहे हैं. अभिषेक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़ग के ठीक बगल में खड़े हुए और गांधी प्रतिमा के सामने धरने के दौरान मणिपुर के बारे में नारे लगाए. खड़गे के बगल वाली वह जगह आमतौर पर राहुल के लिए आरक्षित होती है. राहुल उस दिन संसद में नहीं थे. लेकिन अतीत की तमाम ‘एलर्जियों’ को किनारे रखकर और ‘भारत’ को सामने रखते हुए खड़गे ने वह जगह तृणमूल नेता को दे दी. दूसरी ओर लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर चौधरी के निलंबन के बाद तृणमूल सांसदों ने भी विरोध में आवाज उठाई.

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राहुल और अभिषेक की मुलाकात आखिर क्यों है खास

राजनीतिक खेमों का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस और तृणमूल के बीच हालिया तालमेल आज राहुल और अभिषेक की मुलाकात का परिणाम है. लेकिन साथ ही आज के बाद यह सवाल और भी मजबूत होता जा रहा है कि पंचायत चुनाव में खून बहाने वाले बंगाल के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जमीनी स्तर पर विरोध के बाद उनकी विश्वसनीयता कितनी रह जाएगी ? उम्मीद है कि बीजेपी ‘बंगाल में कुश्ती, दिल्ली में दोस्ती’ का आम व्यंग्य इस्तेमाल करेगी. कल ही अधीर ने कोलकाता में कार्यकर्ताओं से कहा था, मैं आपको बता दूं, बंगाल में हम एक तरफ तृणमूल और दूसरी तरफ बीजेपी के खिलाफ लड़ेंगे. अधीर ने भविष्य के समीकरण के बारे में बात की थी कि कांग्रेस अखिल भारतीय स्तर पर और राज्य में तृणमूल के साथ है. अब राहुल और अभिषेक के बीच इस मुलाकात के बाद यह देखना बाकी है कि कांग्रेस आलाकमान राज्य में तृणमूल के खिलाफ लड़ाई के लिए क्या इंतजाम करेगा.

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