बारिश का पानी बैरक के अंदर चला आता है. इस कारण होमगार्ड के जवानों को भोजन बनाने में छाता लगाना पड़ता है. इससे होमगार्ड के जवानों में रोष है. वे बताते हैं कि रात्रि में बारिश होने पर किसी सुरक्षित जगह पर बैठकर समय बिताते हैं. रातभर जगकर ड्यूटी करनी काफी मुश्किल होती है.
होमगार्ड के जवान जयनंदन मेहता, तुलेश्वर महतो, कैलाश प्रसाद मेहता, अखिलेश कुमार मेहता, विनोद प्रसाद, बैजनाथ मुंडा, मोहन प्रसाद मेहता, प्रदीप कुमार मेहता, नारायण प्रसाद मेहता, वीरेंद्र प्रसाद मेहता समेत अन्य बताया कि बैरक में करीब पंद्रह होमगार्ड के जवान रह रहे हैं. जवानों के रहने के लिए अच्छी व्यवस्था नहीं है.
होमगार्ड के जवान बताते हैं कि बैरक की हालत खस्ता है. करीब तीन से चार साल से बैरक जर्जर अवस्था में है. इसी में हम होमगार्ड के जवानों रहने से लेकर भोजन तक की व्यवस्था है. बारिश के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
होमगार्ड के जवानों ने कहा कि बरसात के दिनों में जवानों को चूल्हा के पास छाता लगाकर खड़ा होना पड़ता है. इसके बाद खाना बनता है. जवानों ने कहा कि इसकी जानकारी विभाग सहित अधिकारियों को दी गयी है, लेकिन किसी ने समस्या की ओर ठोस कदम नहीं उठाया.
होमगार्ड के जवानों ने चेतावनी दी है कि अगर प्रबंधन व विभाग द्वारा रहने के लिये ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो होमगार्ड के जवान हड़ताल पर चले जायेंगे.
एरिया के सुरक्षा प्रभारी आरके विमल ने कहा कि इस संबंध में परियोजना के प्रबंधन से बात कर होमगार्ड के जवानों की समस्या शीघ्र दूर की जाएगी. परियोजना के पीओ एसके त्रिवेदी ने कहा कि होमगार्ड की समस्या को लेकर जल्द ही बेहतर कदम उठाया जायेगा.