जामताड़ा : रैयतों ने मुआवजे की मांग पर जामताड़ा-लहरजोरी सड़क सात घंटे किया जाम
मुआवजे की मांग को लेकर उन लोगों ने भू-अर्जन कार्यालय से लेकर डीसी कार्यालय तक चक्कर लगाया, लेकिन भुगतान की दिशा में कोई पहल नहीं हुआ है. इसलिए विवश होकर सड़क जाम किया.
जामताड़ा : करमाटांड़ के कसियाटांड़ के समीप जामताड़ा- लहरजोरी सड़क आक्रोशित रैयतों ने बुधवार की सुबह जाम कर दिया. रैयतों ने सात घंटे तक सडक जाम रखा. मुआवजा राशि देने के आश्वासन के बाद जाम हटाया. आक्रोशित रैयतों ने कहा कि पदाधिकारियों के टालमटोल रवैये से तंग आकर काशीटांड व रघुनाथपुर गांव के सैकड़ों आदिवासी महिला-पुरुष हाथ में लाठी, डंडा, तीर, धनुष, डुगडुगी लेकर सड़क जाम किया. कहा कि वर्ष 2014 से जामताड़ा-लहरजोरी सड़क निर्माण प्रारंभ हुआ. इस बाबत उन लोगों का जमीन अधिग्रहण किया गया. आसपास के कई गांवों के लोगों को मुआवजा दे दिया गया, परंतु उन लोगों को मुआवजा नहीं मिला है.
काशीटांड व रघुनाथपुर गांव के लोगों को मुआवजा नहीं मिलने से रोष
कहा कि मुआवजे की मांग को लेकर उन लोगों ने भू-अर्जन कार्यालय से लेकर डीसी कार्यालय तक चक्कर लगाया, लेकिन भुगतान की दिशा में कोई पहल नहीं हुआ है. इसलिए विवश होकर सड़क जाम किया. इस दौरान जिला मुख्यालय, कोर्ट सहित अस्पताल आने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. सूचना मिलते ही नारायणपुर पुलिस जाम स्थल पर पहुंची. वहीं जाम की सूचना पाते ही उपसमाहर्ता ममता मरांडी पहुंचीं. उन्होंने एक सप्ताह के अंदर मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया. इसके बाद सड़क जाम हटा. बता दें कि रैयतों ने यह सड़क जाम चौथी बार किया है. इससे पूर्व में भी तीन बार सड़क जाम किया गया है. मौके पर नागेश्वर मंडल, कंचन मंडल, राजेंद्र मंडल, मनोज मंडल, प्रकाश मंडल, मंटु हेंब्रम, मदन मरांडी, राजेंद्र मंडल, निर्मल बेसरा, साहेब लाल बेसरा समेत दर्जनों लोग थे.
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