झारखंड में ‘मृत’ महिला रजीबुल निशा ने दी आत्महत्या की धमकी, पेंशन नहीं मिलने से है नाराज

झारखंड की एक ‘मृत’ महिला ने आत्महत्या करने की धमकी दी है. जी हां. एक महिला को पंचायत से संबंधित अधिकारियों ने मरा हुआ घोषित कर दिया. फलस्वरूप उनकी पेंशन बंद हो गयी. अब यह महिला दर-दर भटक रही है. थक-हारकर हजारीबाग जिला के बड़कागांव प्रखंड की इस महिला ने बीडीओ को आवेदन देकर जल्द से जल्द अपनी पेंशन शुरू करने की मांग की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2020 7:52 PM

बड़कागांव (संजय सागर) : झारखंड की एक ‘मृत’ महिला ने आत्महत्या करने की धमकी दी है. जी हां. एक महिला को पंचायत से संबंधित अधिकारियों ने मरा हुआ घोषित कर दिया. फलस्वरूप उनकी पेंशन बंद हो गयी. अब यह महिला दर-दर भटक रही है. थक-हारकर हजारीबाग जिला के बड़कागांव प्रखंड की इस महिला ने बीडीओ को आवेदन देकर जल्द से जल्द अपनी पेंशन शुरू करने की मांग की है.

हजारीबाग जिला में एक जीवित महिला को मृत बताकर उसकी पेंशन बंद कर देने का मामला सामने आया है. मामला बड़कागांव प्रखंड के महुगाईकला पंचायत स्थित ग्राम हा हे का है. रजीबुल निशा पति स्वर्गीय सलामुद्दीन मियां को मृत बताकर वर्ष 2017 में उनकी वृद्धा पेंशन बंद कर दी गयी. रजीबुल निशा ने वृद्धा पेंशन फिर से शुरू नहीं किये जाने पर आत्महत्या करने की धमकी दी है.

इस संबंध में रजीबुल निशा ने बड़कागांव के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) के नाम एक आेदन भी सौंपा है. इसमें कहा है कि जल्द से जल्द उनकी पेंशन का भुगतान शुरू किया जाये. यदि प्रशासन ने इस दिशा में कदम नहीं उठाया और उनकी पेंशन की राशि फिर से मिलनी शुरू नहीं हुई, तो वह आत्महत्या कर लेंगी.

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रजीबुल निशा ने आवेदन में कहा है कि उन्हें पहले पेंशन मिलती थी. पंचायत से जुड़े किसी कर्मचारी ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसकी वजह से वर्ष 2017 से उनकी पेंशन बंद हो गयी. बुजुर्ग महिला ने कहा है कि दो साल से वह प्रखंड कार्यालय के चक्कर लगा रही हैं. प्रखंड के कर्मचारी उन्हें इधर-उधर दौड़ा रहे हैं. उन्होंने पंचायत कार्यालय में आयोजित जनता दरबार में भी अपनी मांग रखी, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी.

उल्लेखनीय है कि रजीबुल निशा के आवेदन पर महुगाईकला पंचायत के मुखिया बीगल चौधरी और वार्ड सदस्य मोहम्मद नसीम अंसारी ने भी दस्तखत किये हैं. दोनों ने इस बात की तस्दीक की है कि रजीबुल निशा जीवित हैं और उनको पेंशन मिलनी चाहिए. यहां बताना प्रासंगिक होगा कि ग्रामीण इलाकों में रजीबुल निशा जैसे बहुत से लोग हैं, जो पेंशन से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं. सरकारी कार्यालयों में इनकी सुनने वाला कोई नहीं होता.

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Posted By : Mithilesh Jha

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