राजमहल : ब्रह्मजमालपुर झील में कछुआ पकड़ रहे पश्चिम बंगाल के 9 लोग गिरफ्तार, 8 कछुआ बरामद

पश्चिम बंगाल के कछुआ पकड़ने वाले एवं तस्करी करने वाले गिरोह के पकड़े जाने के बाद अब इस बात की भी जांच की जा रही है कि कहीं यह गिरोह साइबेरियन पक्षियों का भी शिकार तो नहीं करते थे. गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों से वन विभाग की टीम पूछताछ कर रही है.

By Mithilesh Jha | December 21, 2023 9:07 PM
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राजमहल, दीप सिंह : साहिबगंज जिले के राजमहल एवं उधवा प्रखंड के बीच में वन विभाग की टीम ने कार्रवाई करके पश्चिम बंगाल के नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग वन विभाग के संरक्षित क्षेत्र पक्षी अभ्यारण ब्रह्म जमालपुर (पतौड़ा) झील में कछुआ पकड़ रहे थे. रेंजर रामबालक प्रसाद, वनरक्षी इंद्रजीत कुमार, सुनील कुमार एवं अमित कुमार ने कछुआ पकड़े जाने की सूचना पर कार्रवाई करते हुए नौ लोगों को पकड़ा. ये लोग पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के संजय चौधरी, दीपलाल चौधरी, बाबूलाल चौधरी, हरि लाल चौधरी, गंगा विष्णु चौधरी, हरिलाल चौधरी, सुमन पहाड़ी, लाल बहादुर चौधरी व खुद्दू हैं. सभी को गिरफ्तार कर अनुमंडलीय अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के लिए ले जाया गया. यहां स्वास्थ्य जांच के बाद राजमहल व्यवहार न्यायालय में पेश किया गया. उधवा वन क्षेत्र के वनरक्षी इंद्रजीत कुमार के बयान पर वन्य जीव प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराकर वन विभाग की ओर से कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

बंगाल के लोग करते हैं कछुआ की तस्करी

वन विभाग संरक्षित क्षेत्र के पक्षी अभ्यारण्य पतौड़ा झील से कछुआ को पकड़कर ले जाते हैं और पश्चिम बंगाल के तस्कर इसकी तस्करी करते हैं. कथित रूप से स्थानीय कुछ लोगों के संरक्षण पर पश्चिम बंगाल से साहिबगंज जिले के राजमहल में आकर यहां पड़े पैमाने पर कछुआ को पड़कर ले जाते हैं. पकड़े गए एक व्यक्ति के मुताबिक, प्रत्येक वर्ष इसी मौसम में वे लोग यहां लगभग एक से दो महीने तक रहते हैं. झील के आसपास के गांव में इनका ठिकाना होता है.

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कहीं साइबेरियन पक्षियों का भी तो नहीं करते शिकार!

पश्चिम बंगाल के कछुआ पकड़ने वाले एवं तस्करी करने वाले गिरोह के पकड़े जाने के बाद अब इस बात की भी जांच की जा रही है कि कहीं यह गिरोह साइबेरियन पक्षियों का भी शिकार तो नहीं करते थे. गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों से वन विभाग की टीम पूछताछ कर रही है. उनकी पूछताछ में मामला सामने आ सकता है. हालांकि, अब तक साइबेरियन पक्षियों से जुड़े मामले की कोई पुष्टि नहीं हुई है.

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