कोयला व्यवसाई राजू झा की हत्या के पीछे अब्दुल लतीफ का हाथ! CBI कर रही है तलाश
कोयला व्यवसाई राजू झा की हत्या मामले में गौ तस्करी मामले का फरार आरोपी अब्दुल लतीफ का नाम उभर कर सामने आई है. जिसे सीबीआई तलाश रही है.
बीरभूम, मुकेश तिवारी : बर्दवान जिले के शक्तिगढ़ में दुर्गापुर के कोयला कारोबारी और होटल व्यवसाई राजू झा की हत्या मामले में सीट की टीम जांच कर रही है. अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. लेकिन इस घटना में जो सबसे महत्वपूर्ण बात उभर कर आई वह है गौ तस्करी मामले का फरार आरोपी अब्दुल लतीफ, जिसे सीबीआई तलाश रही है. अब्दुल लतीफ और राजू झा के बीच क्या संबंध था यह सवाल बना हुआ है? लेकिन इस घटना के बाद अब्दुल लतीफ को लेकर जोरदार रूप से उसकी हिस्ट्री सामने आने लगी है.
बता दें कि बीरभूम जिले के इलम बाजार का रहने वाला अब्दुल लतीफ वर्ष 2010 के पहले इलम बाजार के ही सुख बाजार स्थित मवेशी हाट में मवेशियों को बांधने के लिए रस्सी घूम घूम कर बेचता था. हालत यह थी कि अभाव और गरीबी में दिन यापन हो रहा था. बताया जाता है कि 2010 में गौ तस्करी से जुड़े इनामुल हक के संज्ञान में अब्दुल लतीफ जब आया तो आते ही वह इलामबाजार से मुर्शिदाबाद होते हुए बांग्लादेश की सीमा तक गाय की तस्करी में शामिल हो गया. देखते ही देखते अब्दुल लतीफ इनामुल हक का विश्वासपात्र बन गया. इधर, इनामुल हक की पैठ जिला तृणमूल कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अनुब्रत मंडल के साथ ही. जिले में मवेसी हाट से जाने वाले गायों के पीछे मोटा रकम अनुब्रत को जाता था.
अब्दुल लतीफ पशु तस्करी का धीरे-धीरे प्रभारी बन गया था. सीबीआई की चार्जशीट में दावा किया गया है कि इलमबाजार के गाय बाजार पर भी उसका नियंत्रण था. उसके बाद एक के बाद एक प्रभाव और प्रतिष्ठा अब्दुल लतीफ की बढ़ने लगी. गौ तस्करी की मोटी कमाई से अब्दुल लतीफ ने बोलपुर में मार्बल टाइल्स का (दुकान) शो रूप, उसके पीछे कई बीघा जमीन, सुख बाजार के चौपहरी क्षेत्र में पांच एकड़ से अधिक का हैचरी-मुर्गी फार्म, इलामबाजार दुबराजपुर में हाईवे पर कार शोरूम व कार सर्विस सेंटर, जयदेव में सड़क किनारे 15 बीघा से ज्यादा जमीन , इलमबाजार दुबराजपुर रोड पर पेट्रोल पंप, होटल कारोबार के अलावा उसके बालू के कई वैध और अवैध घाट भी हैं. लेकिन अपुष्ट खबर है की अब्दुल लतीफ पत्थर के कारोबार में भी इन्वेस्ट किया है.
गौ तस्करी के मामले में इनामुल की गिरफ्तारी के बाद अब्दुल लतीफ का वर्चस्व बीरभूम जिले समेत अन्य जिलों में कायम हो गया है. बीते शनिवार को शक्तिगढ़ में कोयला माफिया व भाजपा नेता राजू झा पर हुई गोलीबारी की घटना के बाद से अब्दुल लतीफ उर्फ हिंगुर शेख फिर से फरार है. सात अगस्त 2022 को बीरभूम के इलामबाजार निवासी अब्दुल लतीफ उर्फ हिंगुल का नाम सीबीआई की चार्जशीट में पहले ही आ चुका है. उनके खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. चार्जशीट जारी होने के काफी समय बाद आसनसोल कोर्ट में अब्दुल लतीफ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था. लेकिन शांति निकेतन के रतन कुटी सीबीआई के अस्थायी कैंप से कुछ किलोमीटर दूर ही बोलपुर में मार्बल का एक बड़ा शोरूम अब्दुल लतीफ का मौजूद है.
उनका पैतृक घर इलामबाजार के मवेशी बाजार से सटे सुखबाजार में है. स्थानीय सूत्रों के अनुसार, लतीफ को अक्सर इलमबाजार में अपने घर के आसपास और बोलपुर में संगमरमर के शोरूम में अनुयायियों के सुरक्षा घेरे से घिरी काली खिड़कियों वाली महंगी कारों से बाहर निकलते देखा गया था. पिछले शनिवार को अब्दुल लतीफ को शक्तिगढ़ में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे आबादी वाले इलाके में झालमुरी खाते हुए भी देखा गया था. और यह रहस्य बढ़ता जा रहा है. अब्दुल लतीफ के कई कारोबार में राजू झा की भागीदारी अथवा देखरेख की बात भी उठ रही है. सवाल यह भी हैं की राजू झा की हत्या के बाद से अब्दुल लतीफ क्यों पुनः फरार हो गया? कई लोगों का यह भी कहना है की राजू झा की हत्या के पीछे कही अब्दुल लतीफ का तो कोई हाथ नहीं इस सवाल को लेकर फिलहाल पुलिस भी इंकार नहीं कर पा रही है.