बंगाल : खुशी के दिल में धड़केगी राकेश की धड़कन
पश्चिम बंगाल के हावड़ा में 12 वर्षों से दिल की गंभीर बीमारी से जूझ रही खुशी के सीने में अब राकेश का दिल धड़केगा. सर्जरी पूरी करने में 4 घंटे का समय लगा है. हमें उम्मीद है की मरीज जल्द ही स्वस्थ होकर घर लौटेगी. अभी वह डॉक्टरों की निगरानी में रहेगी.
पश्चिम बंगाल के हावड़ा में 12 वर्षों से दिल की गंभीर बीमारी से जूझ रही खुशी के सीने में अब राकेश का दिल धड़केगा. डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक उसका हार्ट ट्रांसप्लांट (ह्दय प्रत्यारोपण) कर दिया. ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने उसकी हालत स्थिर बतायी है. शनिवार दोपहर डॉक्टरों की एक टीम हार्ट लेकर कोलकाता के एसएसकेएम से आंदुल रोड स्थित नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल पहुंची. दोनों अस्पतालों के बीच छह किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए कोलकाता और हावड़ा सिटी पुलिस की ओर से ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था. महज 20 मिनट में हार्ट कोलकाता से हावड़ा पहुंचा और इसके तुरंत बाद ही ऑपरेशन शुरू कर दिया गया. चार घंटे तक चली यह ऑपरेशन सफल रहा और डॉक्टरों के साथ मरीज के परिजनों ने भी राहत की सांस ली.
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कौन है खुशी शर्मा
खुशी शर्मा मध्य हावड़ा के बन बिहारी बोस रोड इलाके में रहती है. वह श्री जैन विद्यालय में बाहरवीं की छात्रा है. पिता लक्ष्मी नारायण शर्मा ने बताया कि वर्ष 2011 में पहली बार उनलोगों को पता चला कि उसे दिल की बीमारी है. इलाज शुरू हुआ. डॉक्टरों ने भरसक कोशिश की कि दवाई से इलाज हो जाये, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका. पिछले डेढ़ साल से उसकी परेशानी बढ़ने लगी. पिछले कुछ महीनों में उसे कई बार अस्पताल में भर्ती कराया गया. बताया जाता है कि उसके हार्ट में कई तरह के विकार थे. दवाइयां धीरे-धीरे बेअसर होने लगी. डॉक्टरों ने परिजनों को बता दिया कि हार्ट ट्रांसप्लांट के अलावा खुशी को बचा पाना संभव नहीं है, लेकिन हार्ट मिलना इतना आसान नहीं था. पिछले दिनों उसे नारायणा अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों को खबर मिली कि एसएसकेएम में एक युवक की मौत हुई है और उसके परिजनों ने अंग दान करने का फैसला लिया है. नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल की ओर से संपर्क साधा गया और हार्ट देने की सहमति बन गयी.
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कौन था राकेश
29 नवंबर की रात लेदर कॉम्प्लेक्स थाना क्षेत्र अंतर्गत बांसती हाइवे पर एक सड़क हादसे में चार युवक बुरी तरह से जख्मी हुए थे. चारों दो बाइक पर सवार थे. दोनों बाइक एक ट्रक से टकरायी थी. बताया जा रहा है कि बाइक की गति करीब 100 किमी के आसपास थी. चारों को एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने तीन को मृत घोषित कर दिया. चौथा युवक राकेश दास (22) था. राकेश की हालत बेहद गंभीर थी. उसके सिर पर चोट लगी थी. डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया, लेकिन शुक्रवार को डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेथ घोषित कर दिया.
हृदय प्रत्यारोपण के लिए डॉक्टरों की बनायी गई एक टीम
हृदय प्रत्यारोपण के लिए डॉक्टरों की एक टीम बनायी गयी. इस टीम में कार्डियक सर्जन डॉ देवाशीष दास, डॉ नीलांजन दत्ता, डॉ प्रदीप नारायण, डॉ मनीष शर्मा, डॉ रंगन कोले, डॉ शुभदीप दास, डॉ अमिताभ चट्टोपाध्याय, डॉ संजीवन घोष और डॉ जोयता नंदी शामिल थे. डॉ. देवाशीष दास सीनियर कंसल्टेंट-कार्डियोथोरेसिक सर्जरी एंड हार्ट ट्रांसप्लांट कि ओर से बताया गया कि सर्जरी पूरी करने में 4 घंटे का समय लगा है. हमें उम्मीद है की मरीज जल्द ही स्वस्थ होकर घर लौटेगी. अभी वह डॉक्टरों की निगरानी में रहेगी. अब तक इस अस्पताल में छह बार हृदय प्रत्यारोपण हो चुका है.
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रिपोर्ट : कुंदन झा हावड़ा