Rakshabandhan 2022: रक्षा बंधन का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. रक्षा बंधन का पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हुए उनके उज्जवल भविष्य और लंबी आयु की कामना करती हैं. वहीं भाई रक्षा सूत्र का धर्म निभाते हुए बहन की रक्षा का वचन देते हैं. इसके साथ ही भाई बहनों को उपहार देते हैं.
पूर्णिमा तिथि 12 अगस्त को सुबह 7:05 बजे तक है. इसलिए 11 अगस्त को ही रक्षाबंधन मनाया जाना उचित माना जा रहा है. वैसे ज्यादातर पंचांगों में भद्रा गुरुवार रात 8:27 बजे तक बतायी गयी है. पंडितों के अनुसार राखी बंधवाने से पहले दीप जलाकर उसे साक्षी बनाएं और फिर अपना मुंह उत्तर-पूर्व की ओर करें.
आयुष्मान योग – 10 अगस्त 2022, 7.35 PM से 11 अगस्त 2022 3.31 PM
रवि योग – 11 अगस्त 2022, 5.30 AM – 06.53 तक
सौभाग्य योग – 11 अगस्त 2022, 3.32 PM से 12 अगस्त 2022 11.33 AM
शोभन योग – रक्षाबंधन पर घनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग भी बनेगा.
सालभर सभी को रक्षाबंधन का बेसब्री से इंतजार रहता है. भाई-बहन के अटूट प्यार की निशानी है रक्षाबंधन. इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं और उसकी लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करती है. भाई सदा अपने बहन की रक्षा करने का वादा करता है. इतिहास में भी रक्षाबंधन की कई कहानियों का वर्णन है. मेवाड़ की महारानी कर्मावती ने मुगल राजा हुमायूं को राखी भेजकर रक्षा-याचना की थी. मुस्लिम होते हुए भी हुमायूं ने उस राखी की लाज रखी और कर्मावती को बहन का दर्जा देकर उसकी रक्षा की.
भद्राकाल में अपने भाई को राखी ना बांधे ये एक अशुभ योग होता है. बहुत जरूरी होने पर प्रदोषकाल में शाम 6 से 7:30 बजे के बीच राखी बंधवाई जा सकती है. वैसे भद्रा का पुच्छकाल शाम 5:17 बजे से शाम 6.18 बजे तक रहने वाला है. क्योंकि इस दौरान भद्रा का प्रभाव कम रहेगा. शिव पंचांग के अनुसार भद्रा 11 अगस्त को दोपहर 2:38 बजे तक ही है. इसके बाद राखी बंधवाई जा सकती है.