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Raksha Bandhan 2022: भद्रा क्या है? भद्रा काल में राखी क्यों नहीं बांधनी चाहिए?

Raksha Bandhan 2022: रक्षा बंधन के दिन शुभ मुहूर्त में राखी बांधने की प्रथा है. लेकिन इस बार रक्षा बंधन पर भद् का साया मंडरा रहा है. कई लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर भद्रा काल या भद्रा क्या है और भद्रा काल में राखी क्यों नहीं बांधनी चाहिए? आप भी जानना चाहते हैं तो आगे पढ़ें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2022 3:52 PM

Raksha Bandhan 2022: रक्षाबंधन भाइयों और बहनों के बीच के पावन बंधन का दिन है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रंग-बिरंगी राखी बांधती हैं. राखी बांधने के साथ ही बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, उन्नति, प्रगति की कामना करती हैं. भाई भी राखीं बंधवाकर अपनी बहन की रक्षा करने की शपथ लेते हैं. रक्षा बंधन के दिन शुभ मुहूर्त में राखी बांधने की प्रथा है. लेकिन इस बार रक्षा बंधन पर भद्रा (Bhadra) का साया मंडरा रहा है. कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर भद्रा काल (Bhadra Kaal) या भद्रा क्या (What Is Bhadra) है और भद्रा काल में राखी क्यों नहीं बांधनी चाहिए ?

भद्रा भगवान सूर्यदेव की पुत्री हैं

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भद्रा काल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. यही कारण है कि भद्रकाल (Bhadrakaal) में राखी भी नहीं बांधी जाती है. भद्रा भगवान सूर्यदेव (Lord Surya) की पुत्री और भगवान शनि की बहन हैं. शनि की तरह इसका स्वभाव भी कठोर बताया गया है. उनके स्वभाव को नियंत्रित करने के लिए, भगवान ब्रह्मा ने उन्हें कलगन या पंचांग के एक प्रमुख भाग विष्टिकरण में रखा.

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11 अगस्त को कब तक है भद्रा (Bhadra Time 2022)

पंचांग के अनुसार सावन माह 2022 की पूर्णिमा (Sawan Purnima 2022) 11 अगस्त, 2022 को सुबह 10:38 बजे शुरू होगी और 12 अगस्त 2022 को सुबह 7.05 बजे समाप्त होगी. भद्रकाल 11 अगस्त को भोर से शाम 8:51 बजे तक है.

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रक्षाबंधन की तिथि और शुभ मुहूर्त (Raksha Bandhan 2022 Tithi And Shubh Muhurat)

हिंदू धर्म के अनुसार सूर्यास्त के बाद कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. इस वजह से भद्रकाल या रात में भाइयों को राखी नहीं बांधी जा सकती. वहीं, 12 अगस्त को सुबह 7.05 बजे तक पूर्णिमा है. और इस समय भद्रा नहीं है ऐसे में उदयतिथी को मनते हुए 12 अगस्त को राखी बांधना अधिक शुभ है. यदि आप 12 अगस्त को राखी बांधना चाहते हैं तो सुबह 7.05 बजे से पहले यह शुभ कार्य करें.

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