Raksha Bandhan 2023: राखी बांधना किस समय रहेगा शुभ, कब उतार देनी चाहिए राखी, जानें ज्योतिषाचार्य की राय

Raksha Bandhan 2023: रक्षाबंधन का त्योहार 30 या 31 अगस्त को मनाया जाएगा, इसे लेकर लोगों में कंफ्यूजन की स्थिति बनी हुई है. आइए ज्योतिषाचार्य डॉ श्रीपति त्रिपाठी से जानते है रक्षाबंधन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें...

By Radheshyam Kushwaha | August 28, 2023 12:54 PM
undefined
Raksha bandhan 2023: राखी बांधना किस समय रहेगा शुभ, कब उतार देनी चाहिए राखी, जानें ज्योतिषाचार्य की राय 8

Raksha Bandhan 2023: इस साल राखी बांधने की समय को लेकर भ्रम की परिस्थितियां बन गई है. रक्षाबन्धन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि में 30 अगस्त बुधवार को भद्रा समाप्ति के बाद रात्रि 08 बजकर 57 मिनट के बाद से प्रारम्भ होकर उदय कालिक पूर्णिमा तिथि 31 अगस्त 2023 दिन गुरुवार को प्रातः 07 बजकर 46 मिनट के मध्य अपनी-अपनी व्यक्तिगत सुविधा के अनुसार किया जायेगा. इसमें किसी प्रकार का कोई धार्मिक व्यवधान नहीं है. श्रावणी उपाकर्म 31 अगस्त दिन गुरुवार को विभिन्न शाखाओं के विप्र अपनी-अपनी परम्परा के अनुसार करेंगे. भद्रा काल में राखी बांधना वर्जित है, चाहे भद्रा का निवास कहीं भी हो.

  • ‘श्रावणी पूर्णिमायां भद्रारहितायां रक्षार्थं रक्षिकाबन्धनं कारयेत्।।

Raksha bandhan 2023: राखी बांधना किस समय रहेगा शुभ, कब उतार देनी चाहिए राखी, जानें ज्योतिषाचार्य की राय 9
राखी बांधने का शुभ समय

पौराणिक मान्यता के अनुसार पूर्णिमा तिथि में राखी बांधने के लिए दोपहर का समय शुभ होता है. लेकिन इस दिन दोपहर के समय भद्रा काल हो, तो फिर प्रदोष काल में भी राखी बांधना शुभ होता है. इस साल राखी बांधने का प्रदोष काल मुहूर्त 30 अगस्त 2023 दिन बुधवार की रात 09 बजकर 03 मिनट से मध्य रात्रि 12 बजे तक है. इसके बाद 31 अगस्त दिन गुरुवार की सुबह सूर्योदय काल से 07 बजकर 05 मिनट से पहले राखी बांधने का शुभ समय है.

Raksha bandhan 2023: राखी बांधना किस समय रहेगा शुभ, कब उतार देनी चाहिए राखी, जानें ज्योतिषाचार्य की राय 10
कब उतार देनी चाहिए राखी

रक्षाबंधन के बाद राखी ज्यादा दिन तक नहीं पहननी चाहिए. यदि आप पूरे वर्ष राखी को बांधे रखते हैं तो दोष लगता है. बहनें अपने भाई को काले रंग के धागे से बनी राखी या काले रंग वाली राखी न बांधें. रक्षाबंधन के त्योहार पर बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं. यह त्योहार भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक है. लोग रक्षाबंधन की राखी पूरे साल पहने रखते हैं तो कोई रक्षाबंधन के अगले दिन ही उसे उतार कर रख देता है. राखी को कब तक पहना जा सकता है? राखी कब उतारनी चाहिए या राखी उतारने का समय क्या है. यह सावल आपके मन में आ रहा होगा.

Raksha bandhan 2023: राखी बांधना किस समय रहेगा शुभ, कब उतार देनी चाहिए राखी, जानें ज्योतिषाचार्य की राय 11
राखी कब उतार देनी चाहिए ?

धर्मशास्त्रों में राखी के उतारने का कोई निश्चित दिन या समय निर्धारित नहीं है. रक्षाबंधन के बाद राखी को 24 घंटे के बाद उतार देना चाहिए. राखी को पूरे साल बांधे नहीं रखते हैं. यदि आप पूरे वर्ष राखी को बांधे रखते हैं तो दोष लगता है. वह अशुद्ध हो जाती है. राखी के कुछ दिनों बाद पितृपक्ष प्रारंभ होता है, उसमें आप राखी पहने रखते हैं तो वह अशुद्ध हो जाती है. अशुद्ध वस्तुओं का त्याग कर देते हैं, उसे धारण नहीं किया जाता है. अशुद्धता से नकारात्मकता पैदा होती है.

Raksha bandhan 2023: राखी बांधना किस समय रहेगा शुभ, कब उतार देनी चाहिए राखी, जानें ज्योतिषाचार्य की राय 12
राखी का विसर्जन कब और कहां करें ?

रक्षाबंधन के 24 घंटे के बाद राखी को अपने हाथ से खोलकर उतार दें. उसके बाद उसे विसर्जित कर दें. यहां पर विसर्जन से तात्पर्य यह है कि आप उस राखी को किसी पेड़ पर बांध सकते हैं या फिर उस राखी को सहेज कर रख सकते हैं.

Raksha bandhan 2023: राखी बांधना किस समय रहेगा शुभ, कब उतार देनी चाहिए राखी, जानें ज्योतिषाचार्य की राय 13
सोने और चांदी की राखी कब तक पहनें

रक्षाबंधन का संबंध रक्षासूत्र से है. रक्षासूत्र सूत यानि की धागे से निर्मित होता है, जो लोग सोने या चांदी की राखी पहनते हैं. वे पूरे सालभर उसे पहन सकते हैं. क्योंकि वह धातु की बनी है और यह फैशन से जुड़ा है. वैसे भी सोने और चांदी की राखी व्यक्ति के संपन्नता को दर्शाता है. जबकि रक्षाबंधन बहन की रक्षा की भावना से जुड़ा है. अब व्यक्ति की जैसी क्षमता है. वह उसके हिसाब से त्योहार मनाता है.

Raksha bandhan 2023: राखी बांधना किस समय रहेगा शुभ, कब उतार देनी चाहिए राखी, जानें ज्योतिषाचार्य की राय 14
भूलवश भी न बांधें ऐसी राखी

रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई को काले रंग के धागे से बनी राखी या काले रंग वाली राखी न बांधें. काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है. इसे धार्मिक कार्यों की दृष्टि से भी अशुभ माना जाता है.

।। ॐशिवायनमस्तुभ्यम्।।

Next Article

Exit mobile version