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Raksha Bandhan 2023: बिहार के इस गांव में भाई बहन का अनोखा मंदिर, 500 साल पुराना है इसका इतिहास

Raksha Bandhan 2023: हम आपको बिहार के ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां रक्षाबंधन से ठीक एक दिन पहले बहनें अपने भाइयों की सलामती, तरक्की और उन्नति के लिए पूजा करने करने आती हैं.

By Shaurya Punj | August 24, 2023 8:00 AM
  • बिहार का ये मंदिर भाई बहन को है समर्पित

  • भैया-बहिनी नामक इस मंदिर में न तो किसी भगवान की मूर्ति है और ना कोई तस्वीर

Raksha Bandhan 2023:  रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक है. इस साल ये पर्व 31 अगस्त को मनाया जाएगा. ये त्योहार भाई बहन को समर्पित है, इसलिए हम आपको बिहार के ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां  रक्षाबंधन से ठीक एक दिन पहले बहनें अपने भाइयों की सलामती, तरक्की और उन्नति के लिए पूजा करने करने आती हैं. भाई-बहन इस ऐतिहासिक स्थल पर पहुंचकर माथा टेकते है और अपने रिश्ते में अटूट प्यार और खुशहाली का मन्नत मांगते है.

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कहां है ये मंदिर

सीवान जिले के महाराजगंज अनुमंडल स्थित दारौंदा प्रखंड के भीखाबांध गांव में ये मंदिर है. भैया-बहिनी नामक इस मंदिर में न तो किसी भगवान की मूर्ति है और ना कोई तस्वीर बल्कि मंदिर के बीच में मिट्टी का एक ढेर सा है. इसी मिट्टी के पिंड और मंदिर के बाहर लगे बरगद के पेड़ों की पूजा कर बहनें अपने भाइयों की सलामती, उन्नति और लंबी उम्र की कामना करती हैं.

क्या है मान्यता

सीवान में भाई-बहन का प्यार का प्रतीक भैया बहिनी का यह विख्यात मंदिर अपने आप में एक बड़ा इतिहास समेटे हुए हैं. रक्षाबंधन पर यहां भव्य मेले का आयोजन किया जाता है.  लोगों की मान्यता रहा है की 17वीं शताब्दी के मुगल शासन काल में एक भाई अपनी बहन को रक्षा बंधन के दो दिन पूर्व उसके ससुराल (भभुआ) से विदा कराकर डोली घर ले जा रहा था. भीखाबांध के समीप मुगल सैनिकों की नजर उनपर पड़ी.

मुगल सिपाहियों की नीयत खराब हो गई वे डोली को रोककर बहन के साथ बदतमीजी करने लगे इसपर भाई सिपाहियों से युद्ध करने लगा. सिपाहियों की संख्या अधिक होने के कारण भाई कमजोर पड़ गया.

इसके बाद मुगल सिपाहियों ने उसे मार डाला. बहन खुद को असहाय देखकर भगवान को पुकारने लगी. कहा जाता है कि एकाएक धरती फटी और दोनों धरती के अंदर चले गए.
 भाई-बहन ने यहां जिस जगह पर समाधि ली थी, वहां दो वटवृक्ष निकल आएं हैं, जिनकी जड़ों का पता किसी को नहीं है. मान्यता है कि दोनों वटवृक्ष एक दूसरे की रक्षा करते हैं. यहां पर रक्षाबंधन के मौके पर भाई-बहन आते हैं और वट वृक्ष की परिक्रमा के साथ ही इसके नीचे रक्षा सूत्र बांधते हैं.

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रक्षा बंधन 2023 मनाने की सही तिथि व मुहूर्त

  • रक्षाबंधन तिथि: 30 अगस्त 2023

  • रक्षा बंधन राखी बांधने का समय: 30 अगस्त 2023 की रात 09 बजकर 03 मिनट के बाद

  • रक्षा बंधन भद्रा समाप्ति समय: 30 अगस्त 2023 की रात 09 बजकर 03 मिनट पर

  • रक्षाबंधन भद्रा पूंछ: 30 अगस्त 2023 की शाम 05:30 बजे से शाम 06:31 बजे तक

  • रक्षाबंधन भद्रा मुख: 30 अगस्त 2023 की शाम 06:31 बजे से रात 08:11 बजे तक

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