Raksha Bandhan 2022: भारतीय संस्कृति में रक्षाबंधन पर्व का खास महत्व है. ज्योतिष शास्त्र में इसे अशुभ योग माना गया है. अंगकारक योग 10 अगस्त तक मेष राशि में रहेगा और 11 अगस्त यानी अगले ही दिन रक्षाबंधन का पर्व है.
सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को प्रातः 10:38 बजे से प्रारंभ हो रही है, जो 12 अगस्त को प्रातः 07:06 बजे तक रहेगी. लेकिन जब सावन पूर्णिमा शुरू हो रही है तो भद्रा भी पड़ रही है जो 11 अगस्त की रात 8:35 बजे तक रहेगी.अंगकारक योग के कारण रक्षाबंधन तक 4 राशि वालों को बहुत संभलकर रहना चाहिए
मेष राशि में राहु और मंगल की युति से ही अंगारक योग निर्मित हो रहा है. मेष राशि के लोगों को सलाह है कि रक्षा बंधन तक अपने गुस्से पर नियंत्रण रखें, वरना अपने लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं. किसी भी प्रकार के विवाद से दूर रहें. दूसरों से पूछकर वाहन चलाने की गलती न करें.
10 अगस्त तक अंगकारक योग दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ाएगा. दूसरों के मामले में हस्तक्षेप करने से नुकसान होगा. पैसे के लेन-देन में सावधानी बरतें. न तो किसी से उधार लें और किसी को कर्ज दें. इसी के साथ इस दौरान, हुआ वित्तीय लेन-देन लंबे समय तक फंसा रह सकता है.
मंगल और राहु की युति से बन रहा योग कर्क राशि के जातकों के लिए भी अशुभ होगा. रक्षाबंधन तक कर्क राशि के जातक भी सतर्क रहें. अंगकारक योग क्रोध और अनियंत्रित वाणी का कारण बन सकता है. इस दौरान हुए नुकसान की भरपाई बहुत मुश्किल से होगी. चोट-चपेट से बचें. वाहन सावधानी से चलाएं. जल्दबाजी में लिए गए निर्णय नुकसान देंगे. गाय को हरा चारा खिलाएं.
अंगकारक योग से तुला राशि के जातकों को भी सावधान रहना होगा. दांपत्य जीवन में परेशानी हो सकती है. घर में लड़ाई-झगड़े का माहौल रह सकता है. अनबन हो सकती है. मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
रक्षाबंधन के दिन लगने वाली भद्रा का निवास पृथ्वी लोक पर न होकर पाताल लोक पर है. रक्षा बंधन के दिन घटित होने वाली भद्रा वृश्चिका भद्रा है. सर्पिणी भद्रा नहीं होने के कारण यदि बहुत मजबूरी हो तो बहनें अपने भाई को सायंकाल 06:08 से रात्रि 08:00 बजे के बीच भी राखी बांध सकती हैं.