20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Ram Setu Movie Review: कमजोर है अक्षय कुमार की राम सेतु, यहां पढ़ें पूरा रिव्यू

Ram Setu Movie Review: अक्षय कुमार की फिल्म 'राम सेतु' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. ये फिल्म विदेशी फिल्मों की तर्ज पर मायथोलॉजी को आधुनिक सोच के साथ मिलाकर एक रहस्य और रोमांच की दुनिया को परदे पर लाने की कोशिश थी, लेकिन अक्षय कुमार इस प्रयोग में असफल साबित हुए.

फ़िल्म- राम सेतु

निर्माता- केप ऑफ गुड फिल्म्स

निर्देशक- अभिषेक शर्मा

कलाकार- अक्षय कुमार, जैकलीन फर्नांडीज, नुसरत भरूचा, नासिर, प्रवेश राणा और अन्य

प्लेटफार्म- सिनेमाघर

रेटिंग- दो

बच्चन पांडे, पृथ्वीराज और रक्षा बंधन एक के बाद एक तीन फिल्मों की असफलता से जूझ रहे सुपरस्टार अक्षय कुमार इस साल की अपनी आखिरी फिल्म राम सेतु में नजर आ रहे हैं. विदेशी फिल्मों की तर्ज पर मायथोलॉजी को आधुनिक सोच के साथ मिलाकर एक रहस्य और रोमांच की दुनिया को परदे पर लाने की कोशिश थी, लेकिन अक्षय कुमार और उनकी टीम इस प्रयोग में असफल साबित होते हैं.

प्रिडिक्टेबल है पूरी कहानी

फिल्म के शीर्षक और ट्रेलर ने पहले ही इस बात को जाहिर कर दिया है कि राम सेतु की कहानी क्या है. एक शिपिंग कंपनी राम सेतु को तोड़ने की याचिका कोर्ट में दायर करती है, ताकि उस जगह का इस्तेमाल ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाने के लिए किया जा सके. राम सेतु इसे हिन्दू आस्था के प्रतीक श्रीराम ने बनाया है या फिर प्रकृति ने. इसी खोज की जिम्मेदारी आर्कोलॉजिस्ट आर्यन कुलश्रेष्ठ (अक्षय कुमार) को मिलती है. आर्यन नास्तिक है. श्रीराम के अस्तित्व पर भी यह फिल्म सवाल उठाती है और बाद में इसका जवाब भी देती है. यह एक नास्तिक आर्कोलॉजिस्ट के आस्तिक बनने की भी कहानी है. परदे पर जो कुछ भी घट रहा है, वो पूरी तरह से प्रेडिक्टेबल है. जिस वजह से फिल्म आपको एंगेज नहीं कर पाती है. आपको पता होता है कि परदे पर कब क्या घटने वाला है. फिल्म का सेकेंड हाफ इसके सीजीआई की तरह ही कमजोर है. मुख्य प्लॉट पर आने से पहले शुरुआत में कहानी आर्यन यानी अक्षय कुमार के हीरोइज्म को दर्शाने के लिए अफगानिस्तान में घूमती है. जिससे फिल्म के मुख्य प्लॉट का कुछ लेना-देना नहीं होता है. हां वह सीक्वेंस अक्षय कुमार की याद दिलाने वाले हॉलीवुड एक्टर निकोलस केज की फिल्म नेशनल ट्रेजर की जरूर याद दिला जाता है.

अभिनय पक्ष है ठीक ठाक

अक्षय कुमार इस फिल्म में अभिनय के साथ-साथ अपने लुक के साथ भी न्याय करते हैं. जैकलीन और फिल्म की दूसरी अभिनेत्री नुसरत भरुचा को फिल्म में करने को कुछ खास नहीं था. सत्यदेव अपने किरदार में जमे हैं. निसार इस फिल्म के मुख्य विलेन हैं, लेकिन उन्हें फिल्म में प्रवेश राणा से कम स्पेस मिला है. यह बात थोड़ी अखरती है. बाकी के किरदारों का काम ठीक-ठाक है.

तकनीकी तौर पर है कमजोर

फिल्म की कहानी जिस तरह से है, उसके साथ उसका तकनीकी पक्ष न्याय नहीं कर पाया है. फिल्म की एडिटिंग में खामियां रह गयी है. एक सीन से दूसरे सीन में कई बार रुकावट महसूस होती है, जैसे जबरदस्ती दूसरा सीन आ गया है. फिल्म के संवाद सुनते हुए यह भी महसूस होता है कि राम नाम के आगे श्री बाद में जोड़ा गया है. शायद मेकर्स के दिमाग में विवाद का ख्याल बाद में आया हो. वीएफएक्स बहुत कमजोर है. एक्जो शूट वाले दृश्य के अलावा कई और दृश्य इस बात को पुख्ता करते हैं. फिल्म में कोई गीत नहीं है. बैकग्राउंड म्यूजिक ने संगीत की जिम्मेदारी संभाली है, लेकिन वह उस तरह से कहानी के साथ न्याय नहीं कर पाया हैं.

Also Read: Box Office Prediction: अक्षय की Ram Setu या अजय देवगन की Thank God,पहले दिन कितना का बिजनेस करेगी फिल्म?
देखें या ना देखें

अगर आप अक्षय कुमार के इस कदर प्रसंशक हैं कि आपको कहानी और स्क्रीनप्ले से कुछ लेना-देना नहीं है, तो ही आप इस फिल्म को देख सकते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें