Ram Temple: कटिहार के यज्ञशाला में 40 सालों से चल रहा अखंड रामायण, अगस्त 2023 तक पाठ कराने की हुई बुकिंग
Ram Temple: कटिहार शहर के यज्ञशाला में 40 वर्षों से हनुमान मंदिर में अखंड रामायण पाठ का आयोजन किया जा रहा है. साथ ही 15 दिसंबर, 1982 से मंदिर में अखंड ज्योति भी जल रही है.
Ram Temple: कटिहार शहर के यज्ञशाला की रोचक कहानी आपको हैरान कर देगी. हरि कीर्तन, रामायण पाठ आपने तो बहुत सुना होगा, लेकिन हम आपको भक्ति के एक ऐसे यथार्थ से अवगत कराने जा रहे हैं, जिसे सुन आप हैरान हो जायेंगे. कटिहार शहर की यज्ञशाला में 40 वर्षों से हनुमान मंदिर में अनवरत रामायण पाठ का आयोजन किया जा रहा है. बिना रुके बिना थके 15 दिसंबर, 1982 से इस मंदिर में अब तक रामायण पाठ किया जा रहा है. साथ ही अखंड ज्योति भी जल रही है.
राम मंदिर की खासियत और मंदिर का भक्ति भाव ऐसा है कि आगामी 29 अगस्त, 2023 तक रामायण पाठ कराने की बुकिंग हो चुकी है. यानी, यदि आप इस यज्ञशाला मंदिर में रामायण पाठ कराना चाहते हैं, तो अभी नंबर लगाने पर 29 अगस्त, 2023 के बाद ही आपका नंबर आयेगा. मंदिर की स्थापना और मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा की स्थापना की कहानी काफी रोचक है.
राम मंदिर आनेवाले बुजुर्ग बताते हैं कि पहले यहां पर एक विशालकाय बरगद का पेड़ है, जिसके नीचे वृंदावन से आये एक मौनी बाबा ने हनुमान जी की छोटी-सी प्रतिमा स्थापित की. प्रतिमा स्थापित कर मौनी बाबा उनकी पूजा-अर्चना की. बुजुर्गों की मानें तो वह मौनी बाबा जमीन पर कभी भी आराम नहीं करते थे. वह पेड़ पर रस्सी के सहारे आराम करते थे. लगभग एक महीने तक पूजा-अर्चना के बाद वे चले गये. मौनी बाबा मूल रूप से कहां से आये थे और कहां गये, यह बात अब तक किसी को पता नहीं है.
हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करने के बाद से ही यहां पर हनुमान जी की पूजा अर्चना शुरू हो गयी. देखते ही देखते समय बीतता गया और 15 दिसंबर, 1982 में यज्ञशाला मानस मंडल समिति का गठन हुआ. तत्पश्चात यहां पर एक सुंदर मंदिर का निर्माण कराया गया. इस मंदिर में राम जानकी और लक्ष्मण की प्रतिमा स्थापित की गयी. मंदिर की खासियत मौनी बाबा द्वारा स्थापित की गयी हनुमान जी की छोटी-सी प्रतिमा है, जो अब भी मंदिर के गर्भ और बरगद पेड़ के नीचे स्थापित है, जिसकी पूजा-अर्चना की जाती है.
राम मंदिर में चार पंडितों आचार्य कृपाशंकर, आचार्य संतोष तिवारी, आचार्य सतीश मिश्रा, अमर द्वारा रामायण पाठ किया जाता है. मंदिर के पुजारी के अलावा यदि कोई रामायण पाठ करना चाहते हैं, तो वे भी भाग ले सकते हैं. रोजाना सुबह और शाम को महाआरती का आयोजन किया जाता है. इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आरती में भाग लेते हैं.
समय बीतता गया. राम मंदिर की महानता विख्यात होती गयी. कहा जाता है कि इस मंदिर में जो भी श्रद्धा भाव से कुछ मांगता है, तो वह जरूर पूरा होता है. इस मंदिर से कोई भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता. यहां के बुजुर्ग आज भी उस दिन को याद करते हैं, जब मौनी बाबा ने हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-पाठ शुरू की थी.