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राम मंदिर : ममता ने दिया आपसी भाईचारे का संदेश, धनखड़ बोले, तुष्टिकरण की नीति के कारण चुप हैं मुख्यमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी, तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संप्रदायों के बीच विविधता में एकता की पुरातन परंपरा को बनाये रखने की अपील की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई, आपस में हैं भाई-भाई! मेरा भारत महान, महान हमारा हिंदुस्तान. हमारे देश को विविधता में एकता की सदियों पुरानी विरासत को सदैव बरकरार रखना चाहिए और हमें अंतिम सांस तक इसकी रक्षा करनी है.’

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2020 3:14 PM

कोलकाता : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी, तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संप्रदायों के बीच विविधता में एकता की पुरातन परंपरा को बनाये रखने की अपील की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई, आपस में हैं भाई-भाई! मेरा भारत महान, महान हमारा हिंदुस्तान. हमारे देश को विविधता में एकता की सदियों पुरानी विरासत को सदैव बरकरार रखना चाहिए और हमें अंतिम सांस तक इसकी रक्षा करनी है.’

इस बीच, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राजभवन में दीये जलाकर राम मंदिर की आधारशिला रखे जाने की खुशी मनायी. धनखड़ ने साथ ही इस बात को लेकर आश्चर्य भी जताया कि क्या मुख्यमंत्री बनर्जी अपनी तुष्टिकरण की नीति के कारण ‘चुप’ हैं. उधर, पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि वह अयोध्या में भूमि पूजन के दिन लॉकडाउन लगाकर ‘हिंदू भावनाओं का तिरस्कार’ कर रही है.

श्री घोष ने कहा, ‘हमने लॉकडाउन की तिथि में बदलाव का अनुरोध किया था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बंगाल में भगवान राम के श्रद्धालु बेहद साधारण तरीके से खुशियां मनाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया. तृणमूल कांग्रेस ने राज्य के हिंदुओं की भावनाओं का तिरस्कार किया है. तृणमूल आने वाले दिनों में इसकी बड़ी कीमत चुकायेगी.’

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उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सवाल किया कि वह स्पष्ट करें कि मंदिर निर्माण के पक्ष में हैं या नहीं. उन्होंने कहा, ‘पिछले साल राम मंदिर पर आये फैसले के बाद वह चुप रहीं थीं. इस बार भी, वह स्पष्ट नहीं कह रही हैं कि वह मंदिर निर्माण का समर्थन करती हैं या नहीं.’ कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार आसानी से लॉकडाउन की तारीख बदल सकती थी, लेकिन उसने भाजपा के साथ राजनीति करने की सोची.

श्री धनखड़ ने कहा था कि राम मंदिर का भूमि पूजन सभी भारतीयों के लिए गर्व और सम्मान की बात है. ऐतिहासिक न्यायिक फैसले के कारण इंतजार खत्म हुआ. उन्होंने राजभवन में शाम को अपनी पत्नी के साथ मिलकर घी के दिये जलाये.

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Posted By : Mithilesh Jha

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