Rama Ekadashi 2022: कार्तिक माह की अंतिम एकादशी को रमा एकादशी (Rama Ekadashi) भी कहा जाता है. ये एकादशी दिवाली से चार दिन पहले आती है. रमा एकादशी के दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करें और व्रत कथा का पाठ करें. इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा कर नैवेद्य अर्पण किया जाता है और आरती करके प्रसाद बांटा जाता है.
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 20 अक्टूबर दिन गुरुवार को शाम 04 बजकर 04 मिनट से शुरू होगी और यह तिथि अगले दिन 21 अक्टूबर शुक्रवार को शाम 05 बजकर 22 मिट तक मान्य रहेगी. अब उदयातिथि को देखा जाए तो 21 अक्टूबर को प्राप्त हो रही है, इसलिए रमा एकादशी का व्रत 21 अक्टूबर को रखा जाएगा.
रमा एकादशी के दिन प्रात:काल से ही शुक्ल योग प्रारंभ हो रहा है, जो शाम 05 बजकर 48 मिनट तक है. उसके बाद से ब्रह्म योग प्रारंभ हो जाएगा. ये दोनों ही योग पूजा पाठ के लिए शुभ हैं. रमा एकादशी व्रत की पूजा करने का श्रेष्ठ मुहूर्त प्रात: 07 बजकर 50 मिनट से सुबह 09 बजकर 15 मिनट तक है. यह लाभ उन्नति प्रदान करने वाला मुहूर्त है.
उसके बाद सुबह 09 बजकर 15 मिनट से सुबह 10 बजकर 40 मिनट तक अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त है. आप इन दोनों ही मुहूर्त में पूजा करते हैं तो आपके लिए लाभकारी है. आपका कल्याण होगा.
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रमा एकादशी व्रत के लाभ यह व्रत संतान, सुख, समृद्धि, धन की कामना रखने वाले मनुष्यों को अवश्य करना चाहिए.
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इस व्रत के प्रभाव से जीवन के सारे अभाव दूर हो जाते हैं.
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अनजाने में किए गए पापों का क्षय होता है.
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अनजाने में किए गोहत्या, ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिलती है.
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सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
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स्त्री पुरुष दोनों यह व्रत रखें तो पारिवारिक सुख सौहार्द्र बना रहता है.
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उत्तम वाहन, संपत्ति सुख प्राप्त होता है.
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मृत्यु के पश्चात विष्णुलोक की प्राप्ति होती है.