Ramadan 2023 Date in India: मुसलमानों के पवित्र माह (पाक महीने) रमजान का चांद बुधवार शाम नजर नहीं आया.जिसके चलते पहला रोजा 23 के बजाय 24 मार्च को होगा.23 मार्च को मगरिब की नमाज के बाद आसमान में रमजान का चांद नजर आना तय है.इसलिए 23 मार्च यानी गुरुवार से रमजान के महीने का आगाज होगा.गुरुवार रात ईशा नमाज के बाद तरावीह की नमाज होगी.इसके लिए मस्जिदों को रंग रोगन कर सजाया गया है.पहला रोजा 24 मार्च यानी शुक्रवार को होना तय है.बताया जाता है कि सऊदी अरब में बुधवार शाम को चांद नजर आ गया.इससे सऊदी अरब में पहला रोजा गुरुवार को होगा.
इसके अगले दिन भारत में रोजा होना तय है.दरगाह आला हजरत के मदरसा मंजर ए इस्लाम, इस्लामिक यूनिवर्सिटी जमीयतुर्रजा से देश, और दुनिया की मस्जिदों में बरेलवी मौलाना (इमाम) को भेजा गया है.बरेलवी मौलाना की देश के साथ दुनिया में काफी मांग है.दरगाह के प्रवक्ता नासिर कुरैशी ने बताया कि चांद नहीं हुआ है.
गुरुवार को चांद देखने की व्यवस्था की गई.चांद नजर आते ही रमजान का ऐलान कर दिया जाएगा.उन्होंने बताया कि इस बार रोजा पिछले वर्ष से छोटा होगा.यह कमी साल दर साल हो रही है.इस बार रोजा 32 मिनट छोटा रहेगा. इस बार मुकद्दस रमजान का सबसे लंबा रोजा 14 घंटे 20 मिनट का होगा, जबकि वर्ष पिछले वर्ष 14 घंटे 52 मिनट का रोजा था.रमजान को लेकर शहर के बाजार में रौनक बढ़ गई है.फलों से लेकर खजूर, खजला, ब्रेड आदि दुकानों पर सजी हुई हैं.
इस्लाम में चांद के हिसाब से महीने तय होते हैं.इसके साथ ही चांद से ही हर रोजे की समय अवधि तय होती है.हर रमजान में समय का फर्क पड़ता है.जिसके चलते इस साल रोजे का समय कम होगा.पिछले साल रमजान का महीना अप्रैल में शुरू होकर तीन मई को पूरा हुआ था. इस बार रमजान मुबारक का महीना 23 या 24 मार्च से शुरू हो जाएगा, और 23 अप्रैल को पूरा हो जाएगा. जिसके चलते पिछले साल के मुकाबले रोजा एक घंटा छोटा रहेगा.
दरगाह आला हजरत के प्रमुख मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) व सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) ने सहरी व इफ्तार की समय सारिणी (जंत्री) के साथ कलेंडर जारी किया है.इसमें पहले रोज़े से लेकर आखिरी रोज़े तक की सहरी व इफ्तार का समय बताया गया है.जंत्री में रोज़ा व इफ्तार की दुआ के अलावा सदक़ा-ए-फित्र, एतेकाफ, तरकीब नमाज़ ईद, फ़ज़ाइल रमज़ान, नमाज़-ए-तरावीह व मकरुआत रोज़ा आदि का मसला भी कलैंडर में दिया गया है.इसको देश-विदेश में अक़ीदमंदो व मुरीदों को सोशल मीडिया, और डाक द्वारा भेजा जा रहा है.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद
बरेली