राज्यपाल रमेश बैस बोले- सरकार से विवाद नहीं, आयोग के लिफाफे का क्या करना है, यह मेरा क्षेत्राधिकार
राज्यपाल रमेश बैस ने हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रोफिट मामले में कहा कि चुनाव आयोग से मिले इस्तीफे का क्या करना है यह मेरा क्षेत्राधिकार है. इसमें किसी को दिक्कत या आपत्ति क्यों है ?
रांची: राज्यपाल रमेश बैस ने कहा है कि झारखंड सरकार को अस्थिर करने का आरोप गलत है. मैं अभी किसी राजनीतिक दल में नहीं हूं और राजनीति से मतलब भी नहीं है. पर चुनाव आयोग ने क्या जवाब दिया है और लिफाफे में क्या है, आगे क्या करना है, यह मेरा क्षेत्राधिकार है. इसमें किसी को दिक्कत या आपत्ति क्यों है? श्री बैस ने उक्त बातें एक सवाल के जवाब में कही. वे सोमवार को सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया स्थित अरका जैन विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
गवर्नर ने कहा : सरकार के साथ कोई विवाद नहीं है. मैं अभी संवैधानिक पद पर हूं और संवैधानिक तौर पर जो अधिकार मिले हैं, उसके अनुसार जो करना है, वही कर रहा हूं और आगे भी करूंगा. उन्हाेेेंने कहा : लिफाफे में क्या है और उस पर क्या कदम उठाना है, यह मेरे अधिकार क्षेत्र में है.
शिक्षकों की कमी दूर होगी, निजी विश्वविद्यालयों पर नकेल कसेंगे :
राज्यपाल ने कहा कि वे उच्च शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करना चाहते हैं. इस कड़ी में कुछ कदम उठाये गये हैं. झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के पद खाली थे, उसमें नियुक्तियां हुई हैं. उच्च शिक्षा में करीब 400 शिक्षकों की बहाली की गयी है. शेष अन्य पदों पर भी बहाली होगी. उन्होंने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों द्वारा क्लास कराये बगैर सिर्फ डिग्रियां बांटने की शिकायतें आती हैं. उन पर भी नकेल कसा जायेगा. दीक्षांत समारोह में कुल 31 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक िदये गये, जिसमें 20 छात्राएं हैं.
झारखंड के बच्चे जब पीजी की पढ़ाई भी यहीं से कर लें, तभी मेरा सपना पूरा होगा
राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए बच्चों को बाहर जाना पड़ता है. यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. हालांकि काफी सुधार हुआ है, और सुधार होना बाकी है. इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर कदम उठाये गये हैं. मेरा सपना है कि राज्य के बच्चे यहीं रह कर पीजी की पढ़ाई कर लें. जब यह सपना पूरा होगा, तो मुझे काफी खुशी होगी.