रामगढ़ उपचुनाव रिजल्ट : यूपीए 5वीं बार लहराएगा परचम या एनडीए हार का लेगा बदला? फैसला आज
रामगढ़ का नया विधायक कौन होगा. दो मार्च यानी आज साफ हो जाएगा. रामगढ़ उपचुनाव परिणाम को लेकर सबकी निगहें टिकी है. चौक-चौराहे पर अब चर्चा हो रही है कि क्या यूपीए पांचवीं बार जीत का परचम लहराएगी या एनडीए अपनी हार का बदला इस उपुचनाव में लेगी.
रजरप्पा (रामगढ़), सुरेंद्र कुमार/शंकर पोद्दार : रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव का परिणाम दो मार्च, 2023 यानी आज घोषित होगा. पूरे राज्य की जनता की निगाहें रामगढ़ पर टिकी है. यहां का अगला विधायक कौन होगा, इसकी चर्चा आमलोगों के अलावे राजनीतिक खेमे में हो रही है. बता दें कि तीन वर्ष के अंतराल में ही यहां उपचुनाव संपन्न हुआ है. ऐसी स्थिति में सत्ता पक्ष एवं विपक्ष की ओर से इस सीट को हथियाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी गयी है. यूपीए महागठबंधन सरकार के कार्यकाल में यह पांचवां उपचुनाव संपन्न हुआ है. जिसमें चार सीटों पर यूपीए ने बाजी मारी है. अगर यह सीट भी जीतती है, तो यूपीए के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जायेगी. लेकिन, अगर एनडीए इस सीट को हासिल करने में सफल होती है, तो भाजपा-आजसू के गठबंधन में मजबूती आयेगी और आगामी चुनावों में इसका असर देखने को मिलेगा.
यूपीए-एनडीए ने झोंकी थी पूरी ताकत, अब जनता की बारी
जानकारी के अनुसार, पूर्व विधायक ममता देवी यूपीए सरकार में शामिल थी. जिस कारण यूपीए महागठबंधन के मुख्यमंत्री समेत इनका कुनबा, सांसद, विधायक एवं कई दिग्गज नेताओं ने प्रत्याशी बजरंग महतो के पक्ष में प्रचार किया है. साथ ही एनडीए की ओर से केंद्रीय मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व उप मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक सहित कई दिग्गजों ने भी इस सीट को हासिल करने के लिए ताकत झोंकी है.
गुरुवार को रामगढ़ को मिलेगा नया विधायक
गौरतलब हो कि इस उपचुनाव में एनडीए प्रत्याशी सुनीता चौधरी एवं यूपीए प्रत्याशी बजरंग महतो के बीच सीधा मुकाबला है. ये दोनों में से कोई एक पहली बार विधायक बनेंगे. क्योंकि बजरंग महतो पहली बार प्रत्याशी बने है. जबकि सुनीता चौधरी दूसरी बार चुनाव लड़ी है. जिसमें पहले चुनाव 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. बताते चले कि यहां कुल 18 उम्मीदवार चुनावी मैदान में है. मजे की बात यह है कि इस चुनाव में वर्तमान सांसद सह रामगढ़ से तीन बार विधायक रह चुके चंद्रप्रकाश चौधरी ने अपनी पत्नी को इस सीट पर उतारा है. वहीं पूर्व विधायक ममता देवी के जेल जाने पर इनके पति को टिकट मिली है. अब देखना यह है कि चंद्रप्रकाश की पत्नी की जीत होती है या फिर ममता के पति की.