गर्मी में मुहल्लों में घर-घर पानी पहुंचाने की योजना लटकी, रामगढ़ नगर परिषद ने बनाई थी 7 करोड़ से अधिक की स्कीम
गर्मी में लोगों को पानी की किल्लत ना हो इसके लिए रामगढ़ नगर परिषद के मुहल्लों में घर-घर पेयजल पहुंचाने की योजना बनाई थी, लेकिन नगर परिषद की महत्वाकांक्षी योजना अधर में लटक गयी है. इस योजना के माध्यम से इस साल गर्मी में घरों में पेयजल पहुंचाने की योजना बनाई गई थी.
रामगढ़, नीरज अमिताभ. रामगढ़ नगर परिषद के मुहल्लों में घर-घर पेयजल पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना अधर में लटक गयी है, जबकि इस योजना के माध्यम से इस साल गर्मी में घरों में पेयजल पहुंचाने की योजना बनाई गई थी. ताकि लोगों को गर्मी में पानी की किल्लत ना हो.
नगर परिषद ने 7 करोड़ 19 लाख 14 हजार की 121 योजना अपने 32 वार्ड में घर-घर पेयजल पहुचाने के उद्देश्य से बनाई थी. योजना की हालत यह है कि किसी वार्ड में पांच प्रतिशत, किसी वार्ड में 10 प्रतिशत काम ही हुआ है. कहीं सिर्फ बोरिंग कर ही कार्य ठेकेदारों द्वारा छोड़ दिया गया है. जबकि अधिकतर वार्डों में कार्य प्रारंभ ही नहीं हुआ है और बरसात प्रारंभ होने में महज कुछ दिन ही बच गये हैं. आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि इस मामले में निर्वाचित वार्ड सदस्यों ने भी कभी आवाज नहीं उठाई और अब तो उनका कार्यकाल ही समाप्त हो गया है.
मुहल्लों के हर घर में जलापूर्ति है उद्देश्य
छोटी-छोटी योजना बना कर हर घर में जल पहुंचाना इस योजना का उदेश्य है. योजना के तहत मुहल्लों में बोरिंग, पिलर पर छोटी पानी टंकी लगाना, मोटर लगाकर जलापूर्ति करना था. योजना के अनुसार पांच से सात लाख तक की राशि योजना के लिए तय की गयी है.
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अक्तूबर माह में प्रकाशित की गई थी योजना के लिए टेंडर
गर्मी में मुहल्लों में जलापूर्ति के लिए इस योजना का टेंडर अखबारों में अक्तूबर माह में ही प्रकाशित किया गया था. इस योजना का नाम नागरिक सुविधा दिया गया था. 20 अक्तूबर 2022 को टेंडर का प्रकाशन किया गया, टेंडर डालने की अंतिम तिथि 7 नवंबर 2022 और निविदा खुलने की तिथि 11 नवंबर 2022 रखी गई थी. इसके बाद ठेकेदारों को कार्य आवंटन किया गया. कार्य पूरा करने की अवधि योजना के हिसाब से 90 दिन और 120 दिन तय किया गया था. दिये गये समय के अनुसार मार्च 23 तक हर हाल में कार्य खत्म हो जाना चाहिए था. लेकिन एक भी कार्य किसी वार्ड में पूरा नहीं हुआ है.
किसी वार्ड में दो तो किसी वार्ड में दी गई हैं 11 योजनायें
वार्ड की आबादी और मुहल्लों की स्थिति को देखते हुए योजना प्रदान की गई है. दो से 11 योजनायें वार्ड की भौगोलिक स्थिति को देखते हुये प्रदान की गई है. सबसे अधिक मिनी जलापूर्ति योजना की 11 योजना वार्ड नंबर छह को तीन भाग में बांट कर प्रदान की गई है.
एक ही ठेकेदार ने ली है आधे से अधिक योजना
योजना लेने की आपाधापी में ठेकेदारों ने आपसी प्रतिस्पर्द्धा में तय रेट से नीचे जाकर योजना का कार्य लिया है. हालात यह है कि नगर परिषद रामगढ़ की 121 योजनाओं में से आधे से अधिक योजना प्रतिस्पर्द्धा कर एक ही ठेकेदार ने ले लिया है और उसे अब काम करने में ग्राउंड स्तर पर परेशानी हो रही है. साथ ही इसका खामियाजा आम लोगों को उठाना पड़ रहा है.
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रामगढ़ उपचुनाव की वजह से कार्य में देर हुआ : एसडीओ
मिनी जलापूर्ति योजना में हो रही देर की वजह के संबंध में पूछे जाने पर एसडीओ सह नगर परिषद रामगढ़ के कार्यपालक पदाधिकारी मो. जावेद हुसैन ने कहा कि रामगढ़ उपचुनाव की वजह से योजना के कार्य में देर हुआ है. बोरिंग का कार्य हो चुका है और कार्य प्रगति पर है. जबकि टेंडर प्रक्रिया नवंबर में पूरी हो चुकी थी और उपचुनाव फरवरी के अंत में हुआ था.