चक्रधरपुर (शीन अनवर) : झारखंड के चक्रधरपुर मंडल में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर तेजी से काम हो रहा है. एक साल का काम महज 6 महीने के भीतर कर लिया गया है. यात्री ट्रेनों के बंद होने के बाद रेल मंडल ने आवश्यक वस्तुओं, खाद्यान्न, कोयला, लौह अयस्क व अन्य वस्तुओं को पहुंचाने में तेजी आयी है. लगभग 141 मालगाड़ी प्रतिदिन लोडिंग की जा रही है.
रेल मंडल में माल ढ़ुलाई में और तेजी लाने के प्रयास लगातार हो रहे हैं. वर्ष 2020-21 के (अप्रैल से सितंबर) छमाही में चक्रधरपुर रेल मंडल ने बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ 23 फीसदी अधिक माल लदान की नयी उपलब्धि हासिल की है. आमतौर पर ये काम एक साल में भी नहीं हो सकते थे. अभी साल खत्म होने में 6 माह शेष हैं.
ये बातें चक्रधरपुर रेल मंडल के प्रबंधक विजय कुमार साहू ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहीं. श्री साहू ने कहा कि लॉकडाउन में ट्रैक मेंटेनेंस के लिए ब्लॉक लेने की नौबत नहीं आयी. लिहाजा, ट्रैक के मेंटेनेंस का काम अब मैन्युअल की बजाय मेकेनाइज्ड बीसीएम मशीनों (ब्लास्ट क्लीनिंग मशीन) से की गयी. इसकी वजह से समय की बचत भी हुई और सटीक मेंटेनेंस भी हुआ.
Also Read: Fodder scam: झारखंड हाइकोर्ट से लालू प्रसाद यादव को जमानत मिली, जेल से राहत नहीं
उन्होंने बताया कि बिमलगढ़-बरसवां-किरीबुरु सेक्शन, टाटा-गम्हारिया-चांडिल में ट्रैक मेंटेनेंस में 16 बीसीएम मशीन से कार्य हो रहा है. इतना ही नहीं प्रबंधक श्री साहू ने बताया कि मंडल के अंतर्गत आने वाले 8 जगहों पर ट्रेन की रफ्तार बढ़ाकर 130 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी गयी है.
लॉकडाउन के दौरान रेलवे के बुनियादी ढांचे में जो सुधार किया गया है, उसकी वजह से रेल मंडल के टाटा-राउरकेला व झारसुगड़ा समेत 8 जगहों पर ट्रेनों की गति 130 किमी प्रति घंटे हो गयी है. मालगाड़ियों की गति 17 किमी प्रति घंटे से बढ़कर अब 40 किमी प्रति घंटे हो गयी है. अक्टूबर, 2020 के अंतिम सप्ताह से यात्री ट्रेनों तेज गति से इन ट्रैक पर दौड़ेंगी. एक साल के भीतर ट्रेनों की रफ्तार बढ़कर 160 किलोमीटर हो जायेगी.
श्री साहू ने बताया कि वैगनों का रख-रखाव करने एवं वे-ब्रिज पर ध्यान केंद्रित किया है. वे-ब्रिज वाइल्ड अत्याधुनिक तकनीक से लगायी गयी, जो मालगाड़ी के वैगनों की ओवरलोडिंग की गतिविधियों पर नजर रखेगी. 25 टन से अधिक भार की जांच करेगी और यह रिपोर्ट पलक झपकते मिल जायेगी. 25 टन से अधिक लोड से पहिये, ट्रैक व ब्रिज को नुकसान हो सकता है.
उन्होंने बताया कि झारसुगड़ा गुड्स यार्ड व झारसुगुड़ा-बामड़ा के बीच 36 किमी की तीसरी रेल लाइन जल्द चालू होगी. यह लाइन बिलासपुर से आ रही थर्ड लाइन से जुड़ेगी. श्री साहू ने कहा कि बंडामुंडा यार्ड सबसे बड़ा यार्ड है. इसमें 12 लाइनें आकर मिलती हैं. बंडामुंडा से बिमलगढ़ रेल लाइन इस्ट कोस्ट रेलवे भुवनेश्वर के तालचर, अंगुल बाइपास से होकर गाड़ियां चलेंगी. ओड़िशा के विस्थापितों को रेलवे ने मुआवजा का भुगतान कर दिया है.
टाटा-बदामपहाड़ सेक्शन में विद्युतीकरण कार्य पूरा होते ही कुलडीहा, रायरंगपुर से फुल रैक लोडिंग होगा. हल्दीपोखर में गुड्स शेड फिर से चालू किया जायेगा. साथ ही रेलवे स्टेशनों का भी विकास होगा. श्री साहू ने कहा कि राज्य सरकार अनुमति दे तो नियमित यात्री ट्रेनों को चलाने के लिए चक्रधरपुर रेल मंडल तैयार है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सचिव से बात करने की जिम्मेवारी रांची रेल मंडल के डीआरएम को सौंपी गयी है. कहा कि रेलवे बोर्ड से पूजा स्पेशल ट्रेनों की जल्द घोषणा होगी. रेल मंडल से रेलवे बोर्ड को राउरकेला-भुवनेश्वर व टाटा-छपरा व अन्य ट्रेनों को चलाने का आग्रह किये हैं.
Posted By : Mithilesh Jha