12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Rath Saptami 2021: अचला सप्तमी को लेकर प्रचलित है ये तीन प्रमुख कथाएं, जानें आज के दिन सूर्य की पूजा का क्या है महत्व

Ratha Saptami 2021, Achala Saptami 2021, Significance, Importance, Vrat, Katha: अचला सप्तमी (Achala Saptami 2021) या रथ सप्तमी (Rath Saptami) हर वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है. इसे सूर्य आरोग्य सप्तमी भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन का अंधकार दूर होता है. धन-संपदा व सुख-समृद्धि का वास होता है. साथ ही साथ संतान की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है. इस साल अचला सप्तमी 19 फरवरी यानी शुक्रवार को मनाई जा रही है. शुभ मुहूर्त 18 तारीख को ही शुरू हो चुका है. इसे लेकर कई पौराणिक कथाएं भी हैं. आइए जानते हैं...

Ratha Saptami 2021, Achala Saptami 2021, Significance, Importance, Vrat, Katha: अचला सप्तमी (Achala Saptami 2021) या रथ सप्तमी (Rath Saptami) हर वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है. इसे सूर्य आरोग्य सप्तमी भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन का अंधकार दूर होता है. धन-संपदा व सुख-समृद्धि का वास होता है. साथ ही साथ संतान की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है. इस साल अचला सप्तमी 19 फरवरी यानी शुक्रवार को मनाई जा रही है. शुभ मुहूर्त 18 तारीख को ही शुरू हो चुका है. इसे लेकर कई पौराणिक कथाएं भी हैं. आइए जानते हैं…

पहली कथा

धार्मिक मान्यताओं और पौराणिक कथाओं के अनुसार सूर्य देव आज के दिन ही सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर दुनिया में प्रकाश पहुंचाने के लिए प्रकट हुए थे. यही कारण है कि आज के दिन को सूर्य जयंती या सूर्य के जन्म उत्सव के रूप में भी मनाने की परंपरा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो व्यक्ति सूर्य व्यक्ति आज के दिन सूर्य की पूजा, विधि-विधान से करता है उसे सूर्य की तरह तेजस्वी व सुंदर पुत्र और गुणकारी संतान की प्राप्ति होती है.

दूसरी कथा

अचला सप्तमी के एक और कथा के अनुसार एक गणिका इंदुमती ने एक बार एक वशिष्ठ मुनि के पास जाकर मुक्ति की राह पूछी. तब मुनि ने कहा कि हे! इंदुमती तुम माघ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को अचला सप्तमी व्रत रखो. ऐसा करने से तुम्हारे पाप धूल जाएंगे और मुक्ति मिलेगी. यह सुन गणिका ने ऐसा ही किया और अपने शरीर का त्याग कर दिया. इसके बाद इंद्र ने उन्हें स्वर्ग लोक में अप्सराओं की नायिका के रूप में सम्मान दिया.

तीसरी कथा

अचला सप्तमी को लेकर एक और पौराणिक कथा है जिसके अनुसार भगवान श्री कृष्ण के पुत्र शाम्ब को एक बार अहंकार हो गया. वह एक ऋषि मुनि का अपमान कर दिए. फिर क्या था दुर्वासा ऋषि मुनि ने क्रोधित होकर श्रीकृष्ण के पुत्र को कुष्ठ रोग से पीड़ित हो जाने का श्राप दे दिया. भगवान श्री कृष्ण ने पुत्र शाम्ब को सूर्य देव की आराधना करने को कहा. ऐसा करने से वे रोग मुक्त हो गए.

Also Read: Achala Saptami/Ratha Saptami 2021: सूर्य जयंती या आरोग्य सप्तमी आज, जानें कैसे सूर्य का कैसे हमारी सेहत और मुस्कुराहट पर पड़ता है असर, क्या है इसका धार्मिक महत्व
रथ सप्तमी शुभ मुहूर्त

  • सप्तमी तिथि आरंभ- 18 फरवरी 2021 दिन गुरूवार को सुबह 8 बजकर 17 मिनट से

  • सप्तमी तिथि समाप्त- 19 फरवरी 2021 दिन शुक्रवार सुबह 10 बजकर 58 मिनट तक

  • सप्तमी के दिन अरुणोदय- सुबह 6 बजकर 32 मिनट

  • सप्तमी के दिन अवलोकनीय (दिखने योग्य) सूर्योदय- सुबह 6 बजकर 56 मिनट

Also Read: Achala Saptami या Rath Saptami 2021 आज, इस शुभ मुहूर्त तक, ऐसे करें पूजा, जानें विधि, क्या है इसकी मान्यताएं, महत्व व व्रत करने का तरीका

Posted By: Sumit Kumar Verma

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें