14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

खरसावां : तीन सदियों से यहां होती आ रही है प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा, जानें खासियत

सरायकेला-खरसावां जिला के खरसावां में प्रभु जगन्नाथ के रथ यात्र की तैयारी शुरु कर दी गयी है. यहां की रथ यात्रा तीन सौ साल से भी पुरानी है. यहां हर साल पारंपरिक रुप से महा प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है.

खरसावां, शचिंद्र कुमार दाश. सरायकेला-खरसावां जिला के खरसावां में प्रभु जगन्नाथ के रथ यात्र की तैयारी शुरु कर दी गयी है. यहां की रथ यात्रा तीन सौ साल से भी पुरानी है. यहां हर साल पारंपरिक रुप से महा प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है. करीब तीन सौ वर्ष पूर्व शुरुआत के दिनों में प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा खरसावां के पं गोविंद दाश के घर में पूजे जाते थे. कहा जाता है कि राजबाड़ी के पास बह रही सोना नदी के तट पर भगवान जगन्नाथ के शक्ल में मिली लकडी से प्रभु की प्रतिमा बना कर दाश परिवार ने पूजा अर्चना शुरु की थी. बाद में खरसावां के तत्कालिन राजा ने प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा की प्रतिमा को दाश परिवार के यहां से राजमहल में लाकर पूजा अर्चना शुरु की. राजबाड़ी परिसर में ही प्रभु जगन्नाथ के मंदिर भी बनाया गया है. यहां पूरे पारंपरिक ढंग से रथ यात्रा का आयोजन होते आ रहा है.

रथ यात्रा के दौरान सभी परंपराओं का होता है निर्वाहन

खरसावां में रथ यात्रा के दौरान सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वाहन किया जाता है. खरसावां राज घराने के राजा के द्वारा छेरा पोहरा देने की रश्म को पूरा करने बाद ही प्रभु जगन्नाथ का रथ निकलता है. हेरा पंचमी पर भी मां लक्ष्मी द्वारा रथ भंगिनी की परंपरा को भी निभाया जाता है. रथ यात्रा के दौरान रथ के आगे आगे भजन कीर्तन करते कीर्तन मंडली रहती है. रथ यात्रा के दौरान रथ से भक्तों के बीच प्रसाद स्वरुप लड्डू का वितरण किया जाता है.

काफी आकर्षक है खरसावां का रथ

खरसावां में प्रभु जगन्नाथ का रथ भी भव्य बना है. वर्ष 2012 में तत्कालिन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने निजी स्तर पर खरासवां के लिये भव्य रथ का निर्माण कराया था. ओड़िशा से आये कारिुगरों ने रथ का निर्माण किया था. खरसावां में प्रभु जगन्नाथ के रथ को खींचने के लिये भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है. आम से लेकर खास मेहमान पहुंचते है.

Also Read: खूंटी में BJP की जनसभा, UP के विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा- ‘मोदी ने बिरसा मुंडा का सम्मान बढ़ाया’

खरसावां में रथ यात्रा के लिये सरकार से मिलती है आवंटन

खरसावां में रथ यात्रा के आयोजन के लिये सरकार से आवंटन मिलती है. रियासत काल में रथ यात्रा में होने वाले सभी खर्च राजपरिवार उठाता था. देश की आजादी के पश्चात तमाम देशी रियासतों के भारत गणराज्य में बिलय के बाद खरसावां में रथ यात्रा का आयोजन सरकारी खर्च पर होने लगा. खरसावां राजघराने के राजा गोपाल सिंहदेव बताते हैं कि देश के आजादी के पश्चात खरसावां रियासत का भारत गणराज्य में विलय के दौरान वर्ष 1947 में खरसावां के तत्कालिन राजा श्रीरामचंद्र सिंहदेव ने भारत सरकार के गृह सचिव (राजनीतिक मामले) वीपी मेनन के साथ मर्जर एग्रिमेंट किया था. मर्जर एग्रिमेंट में उल्लेख है कि जिन धार्मिक व सांस्कृतिक अनुष्ठानों का आयोजन रियासत काल में राजा द्वारा किया जाता था, उनक सभी अनुष्ठानों का आयोजन सरकारी स्तर से किया जायेगा. इसी एग्रिमेंट के तहत ही रथ यात्रा समेत अन्य अनुष्ठानों के लिये राज्य सरकार से आवंटन मिलती है.

लोगों में भी छाने लगी है रथ यात्रा की खुमार

खरसावां के लोगों में भी प्रभु जगन्नाथ के रथ यात्रा की खुमार छाने लगी है. लोग मंदिरों के साथ साथ अपने अपने घरों में भी प्रभु जगान्नाथ के रथ यात्रा के जुड़ी हुई कलाकृतियां बना रहे है. खरसावां के कलाकार राम नारायण षडंगी द्वारा प्रभु जगन्नाथ के उपर बनायी जा रही कलाकृतियां देखते ही बन रही है. लोग राम नारायण षडंगी के कलाकारी की दाद दे रहे है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें