Heatwave: बलिया में मुआवजा देने के डर से मौत के कारणों पर डाला जा रहा पर्दा! DM के दावों की पीड़ित ने खोली पोल
बलिया में हीटवेव से सबसे ज्यादा मौतें बांसडीह में हुई है. वहीं, दूसरे नंबर पर गड़वार ब्लाक है. हीटवेव के मद्देनजर जिला प्रशासन ने आनन-फानन में बचाव के लिए एडवाइजरी भी जारी की है. हालांकि लगातार हो रही मौतों के सवाल पर जिला प्रशासन अभी तक इसे लू के केस मानने को तैयार नहीं है.
बलिया. यूपी के बलिया में हीटवेव (Heatwave) में मौतों का मामला कम होने का नाम नहीं ले रहा है. जनपद में हीटवेव के कारण अब तक हुई सैकड़ों मौतों के बावजूद जिला प्रशासन इसे लू केस मानने को तैयार नहीं है. मौत के पीछे वजह हीटवेव है. जबकि बीते दिनों निवर्तमान सीएमएस डा. दिवाकर सिंह द्वारा मौत का कारण हीटवेब बताए जाने पर उनका स्थानांतरण कर दिया गया. मौत की वजह पता लगाने के लिए शासन से दो-दो स्वास्थ्य निदेशक भी आए है. लेकिन, अभी तक शासन-प्रशासन इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाया है कि आखिरकार मौत के पीछे वजह क्या है. उधर जिला प्रशासन के इस उदासीन रवैये से क्षुब्ध प्रबुद्धजन एवं नेतागण ने कहा कि जिला प्रशासन मुआवजा देने के डर से मौत के कारणों पर पर्दा डाल रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हीट वेब के कारण मौत का आंकड़ा सेंचुरी पार कर चुका है. बीते दस दिनों से मौत का सिलसिला जारी है. हीट वेब ज्यादातर अधेड़ व वृद्ध आदमी को अपना शिकार बना रहा है.
मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की मांगजनपद में सबसे ज्यादा मौतें जहां बांसडीह में हुई है. वहीं, दूसरे नंबर पर गड़वार ब्लाक है. हीटवेव के मद्देनजर जिला प्रशासन आनन-फानन में बचाव के लिए एडवाइजरी भी जारी की है. बावजूद लगातार हो रही मौतों के सवाल पर जिला प्रशासन अभी तक यह मानने को तैयार नहीं है कि मौत के पीछे वजह हीटवेव है. ऐसे में नेतागण अब जिला प्रशासन को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है. एआईएमआईएम के प्रदेश संयुक्त सचिव मोहम्मद शमीम खान ने बताया कि शासन मृतक के परिवार को मुआवजा देने के डर से जिला प्रशासन द्वारा मौत के कारणों पर पर्दा डालने की कोशिश में लगे हैं. वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज राय हंस ने कहा कि मृतक के परिवार को मुआवजा ना देना पड़े, इसलिए जिला प्रशासन द्वारा मौत का कारण स्पष्ट बताया नहीं जा रहा है. मौत का कारण सिर्फ और सिर्फ हीटवेव है और सरकार को मृतक के परिवार को हर हाल में मुआवजा देना चाहिए. सपा नेता राहुल राय ने बताया कि जिला प्रशासन ड्रामा बंद करें और मृतक के परिवार के लिए जल्द से जल्द मुआवजा देने की घोषणा करें.
#WATCH | All hospitals have been directed to immediately provide necessary treatment to the patients. As the weather is improving, I am hopeful that we will see an improvement in this. All hospitals are on alert. It cannot be said that all deaths that happened in Ballia were due… pic.twitter.com/AMHUXpqI8L
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 20, 2023
उत्तर प्रदेश शासन के राजस्व शासनादेश संख्या 303, 27 जून 2016 को जारी किया गया था. जिसमें हीटवेव के प्रकोप को राज्य आपदा माना गया है. इसके तहत पीड़ित व्यक्ति या उसके परिजनों को सहायता राशि देने का प्रावधान किया गया है. इसके अनुसार हीटवेव लगने से मौत होने पर चार लाख रुपए की मदद मृतक के परिवार को दी जाएगी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन के अंतर्गत बीते 2018-19 के लिए 3 करोड़ 60 लाख जारी भी किए थे. लेकिन इस बार अफसासे एक के बाद एक मौत हो जानें के बावलूद जिला प्रशासन कान में तेल डालकर सोए है.
डीएम के दावों की अधिवक्ता ने खोली पोलजिला अस्पताल में हो रही एक के बाद एक मौतों के बावजूद जहां जिलाधिकारी दौरा करने के बाद यह कहते नहीं थक रहे हैं कि जिला अस्पताल में सारी सुविधा मुहैया है. वहीं सिविल कोर्ट के अधिवक्ता प्रदीप कौशिक सोमवार को जिलाधिकारी के हर दावे की कलई खोलकर रख दी है. प्रदीप कौशिक ने जिला अस्पताल में व्याप्त दुव्यर्वस्थाओं की सीएमओ से शिकायत करने के बाद सीएम योगी को ट्वीट किया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सिविल कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप कौशिक सोमवार को अपने बड़े पापा को लेकर जिला अस्पताल में इलाज कराने के लिए आए थे, जहां उनसे कहा गया कि आप काउंटर से पर्ची काटकर इमरजेंसी में जाकर मरीज को भर्ती करा दीजिए.
अस्पताल में नहीं मिल रही दवाइयांइमरजेंसी जाने पर प्रदीप कौशिक के मुताबिक उन्हें सिर्फ एक किट दिया गया और कहा गया कि बाकी सामान आप बाहर से खरीद लीजिए. इस पर अधिवक्ता प्रदीप कौशिक खासे नाराज हो गए और कहा कि जब एक तरफ सरकार उत्तम स्वास्थ्य सुविधा का दंभ भर रही है, दूसरी तरफ जिला अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक व कर्मचारी यह कैसे कह सकते हैं कि जाइए आप बाहर से बाकी दवा आदि खरीद लीजिए. कहा कि सरकारी सुविधाओं का जिला अस्पताल में दुरूपयोग किया जा रहा है. मैं इसको लेकर सीएमओ से शिकायत करूंगा.
सोमवार को भी जमे रहे दोनों निदेशक, कारण बताने में अक्षमहीट वेब से जनपद में हो रही मौतों के बीच रविवार को शासन से आए निदेशक स्वास्थ्य उत्तर प्रदेश डा. केएन तिवारी एवं निदेशक संचारी डा. एके सिंह सोमवार को भी जिला अस्पताल में जमे रहे. दिनभर जिला अस्पताल में आ रहे मरीजों की जांच की, लेकिन अभी तक दोनों निदेशक मौत के पीछे कारणों को बताने में कन्नी काटते नजर आए. सोमवार को जिलाधिकारी भी जिला अस्पताल का दौरा किए, लेकिन वे भी वही राग आलापते रहे जो निदेशक आलाप रहे थे.