16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

तेजस्वी यादव की बंगाल यात्रा से पहले राजद में क्यों मचा है घमासान? अध्यक्ष के खिलाफ बगावत की क्या है सच्चाई

कुछ लोग बंगाल प्रदेश राजद के अध्यक्ष वृंदा राय को उनके पद से हटाने की मांग कर रहे हैं. वहीं, श्री राय का कहना है कि सिर्फ दो लोग हैं, जो उनके खिलाफ बोल रहे हैं. इन दोनों को उन्होंने पहले ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की वजह से राजद से निष्कासित कर दिया था.

कोलकाता : बिहार में कांग्रेस और वामदलों के साथ मिलकर महागठबंधन बनाने वाली लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बंगाल में अपने सहयोगी दलों के खिलाफ जाकर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को सपोर्ट किया है. इसके बाद से राजद में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं है.

बताया जा रहा है कि कुछ लोग बंगाल प्रदेश राजद के अध्यक्ष वृंदा राय को उनके पद से हटाने की मांग कर रहे हैं. वहीं, श्री राय का कहना है कि सिर्फ दो लोग हैं, जो उनके खिलाफ बोल रहे हैं. इन दोनों को उन्होंने पहले ही पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की वजह से राजद से निष्कासित कर दिया था.

दरअसल, राजद की बंगाल इकाई बिहार की तरह यहां भी कांग्रेस एवं वामदलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के पक्ष में थी. इस बाबत प्रदेश अध्यक्ष वृंदा राय के साथ वाममोर्चा के अध्यक्ष विमान बोस की कई दौर की बात भी हो चुकी थी. बहुत हद तक सीटों के तालमेल पर सहमति भी बन गयी थी.

Also Read: AIMIM चीफ ओवैसी की तरह कहीं के नहीं रहेंगे लालू के लाल RJD नेता तेजस्वी यादव?

लालू यादव के जेल में होने की वजह से पार्टी की कमान संभाल रहे उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने बंगाल की हकीकत जानने के लिए राजद के दो दिग्गज नेताओं अब्दुल बारी सिद्दीकी और श्याम रजक को कोलकाता भेजा था. इन दोनों नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस के साथ बैठक की.

संयुक्त मोर्चा ने 28 फरवरी को ब्रिगेड में विशाल जनसभा की तैयारी की, तो कहा गया कि इसे राजद नेता तेजस्वी यादव भी संबोधित करेंगे. तेजस्वी कोलकाता आ गये, लेकिन ब्रिगेड नहीं गये. इसकी बजाय उन्होंने ममता बनर्जी से मुलाकात की और कहा कि उनकी पार्टी बंगाल चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को सपोर्ट करेगी. यहां चुनाव भी नहीं लड़ेगी.

Also Read: Bengal Election: BJP के खिलाफ ममता और तेजस्वी ने मिलाया हाथ, अब बंगाल चुनाव में RJD का प्रत्याशी होगा या नहीं ? जानिए

खबर है कि ममता बनर्जी के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करने के लिए तेजस्वी यादव बंगाल आने वाले है. इसी बीच कथित तौर पर राजद में बगावत के सुर बुलंद होने लगे हैं. प्रदेश अध्यक्ष वृंदा राय को हटाने की मांग तेज हो गयी है. बगावत का नेतृत्व हरनंदन चौधरी कर रहे हैं, जिनके बारे में वृंदा का दावा है कि उन्हें पहले ही पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है.

राजद के वरिष्ठ नेताओं से पटना में मिले बागी

हरनंदन चौधरी को पार्टी के राज्य परिषद व राष्ट्रीय परिषद के कई सदस्यों के अलावा कई जिलाध्यक्ष का भी समर्थन हासिल है, ऐसा बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि इन लोगों ने बाकायदा एक ज्ञापन लेकर राजद के वरिष्ठ नेताओं से पटना में मुलाकात की और पार्टी हित में लंबे समय से बीमार चल रहे वृंदा राय को पद से हटाने की मांग की.

Also Read: तृणमूल के साथ मिलकर बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है लालू प्रसाद की पार्टी राजद

हरनंदन चौधरी को बीते दिनों प्रदेश अध्यक्ष ने प्रदेश महासचिव पद से हटा दिया था. तभी से उनके समर्थक लगातार वृंदा को हटाने की मुहिम में लगे हैं. इन लोगों को पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं का पूरा समर्थन प्राप्त है. लेकिन, अंतिम फैसला लालू प्रसाद यादव की सहमति से तेजस्वी यादव को ही लेना है.

मेरे खिलाफ कोई बगावत नहीं- वृंदा राय

कहा जा रहा है कि बगावत के मूड में आये नेता तेजस्वी के पश्चिम बंगाल दौरे का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, वृंदा राय ने प्रभात खबर को बताया कि कांचरापाड़ा के रहने वाले हरनंदन चौधरी और आसनसोल में रहने वाले नंद बिहारी यादव के खिलाफ ठगी की शिकायतें मिलीं थीं. उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है और केंद्रीय समिति को इसकी जानकारी दी जा चुकी है.

वृंदा राय ने कहा कि पार्टी का संगठन बड़ा है. दो लोगों के विरोध से किसी पार्टी का अध्यक्ष नहीं बदला जाता. वह भी ऐसे लोग, जो पार्टी के सदस्य भी न हों. श्री राय ने कहा कि हरनंदन चौधरी खुद को लालू यादव का भतीजा बताकर ठगी करते थे. हालांकि, लालू प्रसाद से उनका कोई रिश्ता नहीं है. ऐसे लोगों की कोई विश्वसनीयता नहीं है.

Posted By : Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें