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Santoshi Mata Ki Aarti: आज के दिन करें देवी संतोषी माता की आरती, जल्द पूरी होंगी मनोकामना

Santoshi Mata Ki Aarti: शुक्रवार (Shukrawar) के दिन मां लक्ष्मी की पूजा-पाठ करने के बाद ये आरती अवश्य करें. ऐसा करने से ही व्रत पूर्ण माना जाएगा और व्रत का फल मिलेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2022 12:29 AM

शुक्रवार (Shukrawar) के दिन मां लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) और संतोषी माता की पूजा करना शुभ फलदायी माना जाता है. इस दिन मां संतोषी के लिए व्रत भी रखा जाता है. इस दिन व्रत के कठोर नियम होते हैं. इन कठोर नियमों का पालन करने पर ही व्रत सफल होते हैं. संतोषी माता के व्रत सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए रखा जाता है. मां की पूजा-पाठ करने के बाद ये आरती अवश्य करें. ऐसा करने से ही व्रत पूर्ण माना जाएगा और व्रत का फल मिलेगा.

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पति दाता ॥
जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

सुन्दर चीर सुनहरी,
मां धारण कीन्हो ।
हीरा पन्ना दमके,
तन श्रृंगार लीन्हो ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

गेरू लाल छटा छबि,
बदन कमल सोहे ।
मंद हंसत करुणामयी,
त्रिभुवन जन मोहे ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

स्वर्ण सिंहासन बैठी,
चंवर दुरे प्यारे ।
धूप, दीप, मधु, मेवा,
भोज धरे न्यारे ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

गुड़ अरु चना परम प्रिय,
तामें संतोष कियो ।
संतोषी कहलाई,
भक्तन वैभव दियो ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

शुक्रवार प्रिय मानत,
आज दिवस सोही ।
भक्त मंडली छाई,
कथा सुनत मोही ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

मंदिर जग मग ज्योति,
मंगल ध्वनि छाई ।
विनय करें हम सेवक,
चरनन सिर नाई ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

भक्ति भावमय पूजा,
अंगीकृत कीजै ।
जो मन बसे हमारे,
इच्छित फल दीजै ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

दुखी दारिद्री रोगी,
संकट मुक्त किए ।
बहु धन धान्य भरे घर,
सुख सौभाग्य दिए ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

ध्यान धरे जो तेरा,

वांछित फल पायो ।

पूजा कथा श्रवण कर,

घर आनन्द आयो ॥

जय सन्तोषी माता,

मैया जय सन्तोषी माता ॥

चरण गहे की लज्जा,
रखियो जगदम्बे ।
संकट तू ही निवारे,
दयामयी अम्बे ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

सन्तोषी माता की आरती,
जो कोई जन गावे ।
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति,
जी भर के पावे ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पति दाता ॥

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