Varanasi News: श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद एक माह तक चलने वाले महोत्सव को लेकर पूरी काशी उत्सव में डूबी हुई है. इसी के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग व धर्मार्थ कार्य विभाग और केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय की ओर से राजेंद्र प्रसाद घाट पर 10 दिवसीय भजन संध्या का आयोजन किया गया था. आयोजन की नौंवी संध्या यानी 20 दिसंबर की रात आखिरी प्रस्तुति के लिए गायिका रेखा भारद्वाज आई हुई थीं.
आश्चर्य की बात यह है कि भजन संध्या के अवसर पर गायिका रेखा भारद्वाज द्वारा ओंकारा फिल्म का गाना ‘जुबां पे लागा रे नमक इश्क…गाया गया. यह बात लोगों के समझ से परे रही कि आखिर भजन के नाम पर ऐसे गाने उन्होंने क्यों प्रस्तुत किये. लोगो ने इसके वायरल वीडियो पर सोशल मीडिया में सवाल खड़े किए हैं कि रेखा भारद्वाज किस प्रकार का भजन गा रही हैं.
Also Read: वाराणसी में शीतलहर से इंसान क्या, भगवान भी परेशान, भक्तों ने देवी-देवताओं को स्वेटर और शॉल पहनाया
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर निर्माण को लेकर चल रहे महोत्सव में भजन संध्या के मौके पर रेखा भारद्वाज बतौर गायक मौजूद रहीं. उन्होंने ओंकारा फिल्म का गाना ‘जुबां पे लागा रे नमक इश्क’ गाकर महफिल लूटने की कोशिश की. हालांकि, अब उनका गाना विवाद की वजह बन गया है. भजन संध्या में उनकी इस प्रस्तुति पर लोग सवाल उठा रहे हैं. उसका एक वीडियो भी वायरल हो रहा है.
आम जनता से लेकर राजनीतिक दलों द्वारा भी इस पर प्रश्न खड़े किए जा रहे हैं कि ये कैसा भजन है. आखिर ये किस प्रकार का संदेश भक्ति और आध्यात्म के माहौल में दिया जा रहा है. यही नहीं, एक के बाद एक उन्होंने कई फिल्मी गाने गाए, जिसमें कबीरा मान जा…, रांझा रांझा…, ससुराल गेंदा फूल… से लेकर नमक इश्क का जैसे गाने उन्होंने भजन संध्या के मंच से सुनाए. लोगों को यह बात हजम नहीं हो रही.
भजन संध्या की बुकलेट पर मुख्य अतिथि पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी का नाम भी दर्ज है. भजन संध्या में अन्य दिनों आये गायकों ने भी भजन प्रस्तुत करते हुए बाबा विश्वनाथ के प्रति आस्था को प्रकट किया था. रेखा भारद्वाज द्वारा फिल्मी गानों के ऐसे बोल की प्रस्तुति चर्चा और विवाद दोनों की वजह बन गई.
Also Read: बाबा दरबार में जूता पहनकर जा रहे लोग कर रहे हिंदू धर्म का अपमान, बोले काशी विश्वनाथ धाम के महंत
वहीं, दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर इससे सम्बंधित वायरल वीडियो को लेकर आयोजन से जुड़े अफसरों ने कुछ भी बोलने से इनकार किया है. प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारियों की व्यस्तता का हवाला देकर अफसरों ने फिलहाल इस संबंध में कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया है.
रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी