-
फ्राॅड लोन ऐप्स पर सरकार का शिकंजा, खतरनाक हैं इनसे लोन लेना
-
केंद्र ने कहा- फर्जीवाड़े वाले लोन ऐप के विज्ञापन नहीं लगाएं सोशल मीडिया मंच
-
अब धोखाधड़ी वाले ऋण ऐप्स के ऐड्स पर लगेगा प्रतिबंध, डिजिटल प्लैटफॉर्म्स पर बरती जाएगी सख्ती
Ministry of Information and Technology instructions to Social Media platforms banned advertising of fake loan giving apps – आइटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि सरकार ने सोशल मीडिया और ऑनलाइन मंचों को फर्जीवाड़ा करने वाले लोन ऐप के विज्ञापनों को मंच पर न लगाने का निर्देश दिया है. आइटी मंत्रालय ने इन मंचों को स्पष्ट तौर पर कहा है कि वे कर्ज बांटने वाले गैरकानूनी एवं धोखाधड़ी वाले ऐप के विज्ञापन नहीं दे सकते हैं.
ये विज्ञापन गुमराह करने वाले हैं और इंटरनेट का उपयोग करने वाले लोगों का शोषण करते हैं. एक कार्यक्रम में चंद्रशेखर ने कहा कि अब हम जिन क्षेत्रों पर नकेल कस रहे हैं, उनमें से एक धोखाधड़ी वाले लोन ऐप के विज्ञापन है, जो कई मंचों पर चल रहे हैं.
Also Read: Google Play Store से 17 फेक लोन ऐप्स की छुट्टी, अभी कर दें फोन से डिलीट
तत्काल कर्ज देने वाले ऑनलाइन मंचों को लेकर चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. ये फर्जी एवं गैरकानूनी ऐप कर्ज के लिए परेशान लोगों को छोटी राशि के कर्ज बेहद ऊंची दरों पर देते हैं. फिर उनकी वसूली के लिए कर्जदारों को धमकाने और ब्लैकमेल करने जैसे तरीके भी आजमाते हैं. इस तरह के ऐप के विज्ञापन भी ऑनलाइन मंचों पर खुलेआम नजर आते हैं. अब ऑनलाइन मंचों की जिम्मेदारी तय होगी.
चंद्रशेखर ने कहा कि आइटी मंत्रालय ने प्लैटफाॅर्म्स को स्पष्ट कर दिया है कि वे धोखाधड़ी वाले ऋण ऐप के विज्ञापन नहीं दे सकते, क्योंकि ये विज्ञापन गुमराह करने वाले हैं और इंटरनेट का उपयोग करने वाले लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं. चंद्रशेखर ने कहा कि अब हम जिन क्षेत्रों पर नकेल कस रहे हैं, उनमें से एक धोखाधड़ी वाले ऋण ऐप के विज्ञापन है, जो कई प्लैटफॉर्म पर चल रहे हैं. हमने एडवाइजरी के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया है कि कोई भी मध्यस्थ धोखाधड़ी वाले ऋण ऐप के विज्ञापन नहीं दे सकता है.
Also Read: Google Pay का जबरदस्त ऑफर, 111 रुपये की EMI पर लें 15 हजार का लोन
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री ने कहा कि क्योंकि यह ऐप भ्रामक होगा और शोषण करेगा जो लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षित और भरोसेमंद इंटरनेट पर न्यायशास्त्र और सरकार का दृष्टिकोण विकसित हो रहा है और आईटी नियम स्पष्ट रूप से निषिद्ध कंटेंट के 11 क्षेत्रों को निर्दिष्ट करते हैं.