Jharkhand News: पूर्वी सिंहभूम से नाबालिग का रेस्क्यू, बीडीओ बोले-आरोपी के खिलाफ जल्द होगी प्राथमिकी
चाइल्डलाइन की टीम ने बताया कि लड़की जब करीब 7-8 साल की थी तब से रंजीत मोहरी के घर में रह रही थी. उसकी मां मजदूरी करती है. आज इस लड़की की उम्र करीब 15 वर्ष है, लेकिन अब तक स्कूल नहीं गयी है. रंजीत मोहरी की मानें तो उसकी मां उसे यहां रख कर गई थी. वह मजदूरी करती है.
Jharkhand News: चाइल्डलाइन की टीम ने पूर्वी सिंहभूम जिले के गालूडीह के रंजीत मोहरी के घर से डुमरिया की एक नाबालिग मजदूर को बरामद किया है. सूचना मिलने के बाद चाइल्डलाइन के टीम लीडर राकेश मिश्रा के नेतृत्व में स्थानीय पुलिस के साथ रंजीत मोहरी के घर से अगस्त में इस नाबालिग को बरामद किया गया था और उसके पैतृक घर डुमरिया के बांड़ाकाजिया में उसकी मां को सौंप दिया गया. चाइल्डलाइन की टीम ने बताया कि लड़की जब करीब 7-8 साल की थी तब से रंजीत मोहरी के घर में रह रही थी. उसकी मां मजदूरी करती है. आज इस लड़की की उम्र करीब 15 वर्ष है, लेकिन अब तक स्कूल नहीं गयी है. रंजीत मोहरी की मानें तो उसकी मां उसे यहां रख कर गई थी. वह मजदूरी करती है. इसलिए बच्चों को संभाल नहीं पाती. मैं इस बच्ची को अपने बच्चों की तरह ही रख रहा था. घाटशिला के बीडीओ कुमार अभिनव ने बताया कि मामला गंभीर है. जांच के बाद जल्द प्राथमिकी दर्ज की जायेगी.
नाबालिग लड़की के पिता हैं विक्षिप्त
चाइल्डलाइन की टीम ने बताया कि बरामद नाबालिग के पिता विक्षिप्त हैं, जबकि उसकी मां मजदूरी करती है. परिवार गरीब होने के कारण उसकी मां ने बच्ची को रंजीत मोहरी के घर पर रख दिया था. बच्ची की बरामदगी के बाद चाइल्डलाइन की टीम ने पिछले दिनों बच्ची को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया था.
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रंजीत मोहरी पर जल्द होगी प्राथमिकी दर्ज
घाटशिला के बीडीओ कुमार अभिनव ने बताया कि मामला गंभीर है. अगस्त में बच्ची को रेस्क्यू किया गया. इस मामले में तह तक जांच की जा रही है और कई मामले जांच में सामने आ रहे हैं. पता चल रहा है कि रंजीत मोहरी अवैध तरीके से इस इलाके के मजदूरों को तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र समेत अन्य प्रदेशों में भेजता है, जबकि उसके पास कोई लाइसेंस नहीं है. इन मामलों को भी देखा जा रहा है. इसके बाद जल्द रंजीत मोहरी पर प्राथमिकी दर्ज होगी. घाटशिला अनुमंडल के गुड़ाबांदा, दुरिया, घाटशिला, गालूडीह, चाकुलिया धालभूमगढ़ आदि जगहों से लगातार अवैध तरीके से मजदूरों को बाहर के प्रदेशों में भेजने का सिलसिला जारी है.
रिपोर्ट : मो परवेज, गालूडीह, पूर्वी सिंहभूम