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Kanpur: हार्ट अटैक और स्ट्रोक के इंजेक्शन पर जल्द होगा शोध, एलपीएस कार्डियोलॉजी को मिला रिसर्च का जिम्मा

एलपीएस हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) अब हार्ट अटैक और स्ट्रोक से लोगों को बचाने के लिए इंक्लीसिरिन सोडियम दवा पर शोध करेगा. इस दवा का इंजेक्शन यहां पर हार्ट रोगियों को मुफ्त में लगाया जाएगा और इसके प्रभाव को देखा जाएगा.

By Prabhat Khabar News Desk | September 21, 2023 10:34 AM
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Kanpur: हार्ट अटैक और स्ट्रोक से लोगों को बचाने के लिए अब एलपीएस हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) इंक्लीसिरिन सोडियम दवा पर शोध करेगा. केंद्र सरकार की डीसीजीआई और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की एथिक्स कमेटी ने कार्डियोलाजी इंक्लीसिरिन सोडियम दवा को शोध करने का जिम्मा सौंपा है. इस दवा का इंजेक्शन यहां पर हार्ट रोगियों को मुफ्त में लगाया जाएगा और इसके प्रभाव को देखा जाएगा. सब कुछ ठीक रहा तो यह दवा हार्ट अटैक और स्ट्रोक में मृत्युदर को कम करने में प्रभावी होगी.

इंक्लीसिरिन इंजेक्शन वयस्कों में कार्डियोवैस्कुलर घटनाओं (जैसे दिल का दौरा, स्ट्रोक, रक्त प्रवाह में सुधार करने की प्रक्रिया और मृत्यु) को रोकने में मदद करता है. यह दवा उनमें भी कारगर बताई जा रही है, जिनका कोलेस्ट्राल बढ़ा होता है और हार्ट अटैक के जोखिम में होते हैं. खराब एलडीएल कोलेस्ट्राल ही हार्ट की धमनियों में वसा का जमाव करता है.

टिशू में लगाया जाता है इंजेक्शन

इंक्लीसिरिन सोडियम 300 मिलीग्राम भरी हुई सीरिंज 1.5 मिलीलीटर इंजेक्शन के रूप में मरीज की त्वचा के ठीक नीचे के टिशू में लगाया जाता है. यह दवा कोलेस्ट्राल को कम करने के साथ ही पीसीएसके- 9 प्रोटीन के उत्पादन में भी हस्तक्षेप करती है. विदेश में इंक्लीसिरिन की एक डोज के लिए मरीजों को करीब डेढ़ लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं. मरीज की कंडीशन के अनुसार हर तीन माह में यह इंजेक्शन लगता है. इस इंजेक्शन पर शोध करने के लिए डॉ.एसके सिन्हा को चीफ गाइड की जिम्मेदारी दी गई है.

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तीन महीने में आकलन रिपोर्ट होगी तैयार

एलपीएस कार्डियोलाजी इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रो. राकेश कुमार वर्मा का कहना है कि इंक्लीसिरिन इंजेक्शन के शोध के लिए पैनल बना दिया है. तीन महीने में प्रभावकारिता का आकलन कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी. संस्थान में लगातार शोध को बढ़ावा दिया जा रहा है.

कार्डियोलॉजी में हो सकेगी 24 घंटे दिल की सर्जरी

एलपीएस हृदय रोग संस्थान में प्रदेश की पहली कार्डियक यूनिट बनेगी. यहां पर 24 घंटे हार्ट सर्जरी की जाएगी. शासन ने इसके लिए मेडिकल कॉलेज के संक्रामक रोग अस्पताल (आईडीएच) की जमीन दे दी है. साथ ही 46.3 करोड़ के प्रोजेक्ट को भी मंजूर दी गई है. हृदयरोगियों के लिए कार्डियक यूनिट किसी सौगात से कम नहीं है.

इसका डिजाइन इस तरह से होगा कि अगर भविष्य में कोविड जैसी महामारी आई तो पूरी यूनिट एक घंटे में महामारी यूनिट में बदल जाएगी. तीन फ्लोर की यूनिट में नीचे की तरफ रेड, ग्रीन और यलो जोन के ब्लॉक और आईसीयू डेडीकेटेड हास्पिटल की तर्ज पर बनाई जाएगी. साथ ही पहली बार इसमें एडवांस हाईटेक कैथलैब और हार्ट स्टेशन बनेगा, इसमें सौ बेड का प्रावधान किया गया है.

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