करौली बाबा पर मध्य प्रदेश में रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने दर्ज कराई FIR, केस उलझाने की साजिश का आरोप, जानें मामला

इंस्पेक्टर प्रकाश नारायण का कहना है कि वह पूरे परिवार के साथ में इलाज कराने के लिए 22 मार्च 2023 को करौली बाबा आश्रम पहुंचे थे. यहां उनके दो लाख रुपये खर्च हुए, इसके बाद भी किसी को आराम नहीं मिला. बाबा से शिकायत करने पर आश्रम से चले जाने की हिदायत दी गई थी.

By Prabhat Khabar News Desk | March 30, 2023 12:18 PM

Kanpur: नोएडा के डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी से मारपीट करने के मामले में सुर्खियों में आए करौली बाबा और डॉक्टर संतोष सिंह भदोरिया पर अब मध्य प्रदेश के छतरपुर कोतवाली में रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने मुकदमा दर्ज कराया है. तहरीर में रिटायर्ड इंस्पेक्टर प्रकाश नारायण भट्ट ने करौली सरकार पर इलाज के नाम पर धोखाधड़ी करने और रकम ऐंठने का आरोप लगाया गया है. साथ ही उनका कहना है कि वह चाहते तो कानपुर समेत उत्तर प्रदेश के किसी जिले में बाबा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा देते. लेकिन, यह पता है कि बाबा सभी को खरीद लेते हैं.यही वजह है कि वह बाबा के खिलाफ छतरपुर में एफआईआर दर्ज करा रहे हैं.

दो लाख खर्च करने के बाद भी नहीं मिला आराम

इंस्पेक्टर प्रकाश नारायण का कहना है कि वह पूरे परिवार के साथ में इलाज कराने के लिए 22 मार्च 2023 को करौली बाबा आश्रम पहुंचे थे. यहां उनके दो लाख रुपये खर्च हुए, इसके बाद भी किसी को आराम नहीं मिला. बाबा से शिकायत करने पर आश्रम से चले जाने की हिदायत दी गई थी. वहीं उनका कहना है कि हमने बाबा के आश्रम के खाते में छतरपुर से रुपये भेजे थे. इस कारण यहां पर एफआईआर दर्ज हो सकती है. उन्होंने बताया कि यहां पर धोखाधड़ी की धारा में जमानत नहीं मिलती. एफआईआर दर्ज होने के बाद जब विवेचना की जाएगी तो बाबा का जेल जाना लगभग तय है.

डॉक्टर के पिता खुलकर आए सामने

इस बीच डॉक्टर सिद्धार्थ चौधरी का लखनऊ में वीडियो वायरल होने के बाद उनके पिता बाबा के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि करौली बाबा उनके बेटे की पिटाई के मामले को उलझाने की साजिश रच रहे हैं.

Also Read: Ram Navami 2023: दुर्गा मंदिर में भक्त ने अपनी जीभ काटकर चढ़ाई, वजह जानकार हैरान रह जाएंगे आप…
लखनऊ और कानपुर के अलग-अलग मामले

डॉ. सिद्धार्थ के पिता डॉक्टर वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि लखनऊ का प्रकरण अलग था और कानपुर का अलग है. लखनऊ में बेटा अलग मामले में एक शीर्ष नेता से मुलाकात करने गया था, जिसे रोका गया था. वहां सुरक्षाकर्मियों से सिर्फ नोकझोंक हुई थी. वहां नोएडा के एक भाजपा नेता की शिकायत को लेकर बेटा पहुंचा था. शीर्ष नेता से इसकी शिकायत करनी थी. लखनऊ की घटना भी 22 फरवरी 2023 की ही थी और कानपुर की घटना भी इसी तारीख की थी.

डॉ. वीरेंद्र के मुताबिक दोनों घटनाओं को जोड़कर बाबा पुलिस को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. हकीकत यह है कि लखनऊ के बाद कानपुर में करौली बाबा के आश्रम में बेटा गया था तो बाबा से चमत्कार दिखाने को लेकर बहस हुई थी.

Next Article

Exit mobile version