रिया चक्रवर्ती के भाई शौविक ने तीसरी बार दायर की जमानत याचिका, न्यायालय के फैसले का दिया हवाला
मुंबई अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े नशीले पदार्थों के मामले में गिरफ्तार शौविक चक्रवर्ती ने उच्चतम न्यायालय के एक हालिया आदेश का हवाला देते हुए यहां एक विशेष अदालत में एक बार फिर जमानत याचिका दायर की है. अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के भाई शौविक को सितंबर में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद से यह शौविक की जमानत पर रिहा होने की तीसरी कोशिश है. इससे पहले, विशेष अदालत और बंबई उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं.
मुंबई अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े नशीले पदार्थों के मामले में गिरफ्तार शौविक चक्रवर्ती ने उच्चतम न्यायालय के एक हालिया आदेश का हवाला देते हुए यहां एक विशेष अदालत में एक बार फिर जमानत याचिका दायर की है. अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के भाई शौविक को सितंबर में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद से यह शौविक की जमानत पर रिहा होने की तीसरी कोशिश है. इससे पहले, विशेष अदालत और बंबई उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं.
शौविक ने स्वापक नियंत्रण एवं मन: प्रभावी पदार्थ (एनीपीएस) अधिनियम संबंधी मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत के समक्ष हाल में याचिका दायर कर शीर्ष अदालत के हालिया आदेश का जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि एनसीबी अधिकारियों के समक्ष दिए गए ‘‘इकबालिया बयानों” को सबूत नहीं माना जा सकता. शौविक ने अपनी याचिका में कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने अपने हालिया आदेश में यह उचित फैसला सुनाया कि एनडीपीसी कानून (मौजूदा मामले के संबंध में) के तहत जिन अधिकारियों को अधिकार दिए गए हैं, वे पुलिस अधिकारी हैं, जो साक्ष्य कानून की धारा 25 के दायरे में आते हैं.
परिणामस्वरूप उनके सामने दिए गए इकबालिया बयान पर एनडीपीएस कानून के तहत किसी आरोपी को दोषी ठहराने के लिए विचार नहीं किया जा सकता।” इसमें कहा गया है कि भारतीय साक्ष्य कानून की धारा 25 के अनुसार किसी पुलिस अधिकारी के समक्ष दिया गया कोई भी बयान किसी अपराध में आरोपी के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। वकील सतीश मानेशिंदे के जरिए दायर की गई याचिका में कहा गया है, ‘‘शीर्ष अदालत के आदेश के मद्देनजर परिस्थितियों में स्पष्ट रूप से बदलाव हुआ है, जिसके कारण जमानत को लेकर फिर से विचार किए जाने की आवश्यकता है.”
शौविक ने याचिका में दोहराया कि उन्हें मामले में ‘‘गलत तरीके से फंसाया” गया है. याचिका में कहा गया कि आरोपी के खिलाफ बिना सोचे समझे धारा 27(ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसमें कहा गया है कि अभी तक पेश की गई हिरासत में लेने संबंधी अर्जियों में ऐसे किसी आरोप का जिक्र नहीं किया गया है, जो एनडीपीएस अधिनियम की धारा 27ए के तहत आते हों. इसमें दावा किया गया है कि एनसीबी ने शौविक द्वारा खरीदे गए नशीले पदार्थों की मात्रा और नशीले पदार्थों के प्रकार के बारे में कुछ नहीं कहा है.
याचिका में कहा गया है कि आम आदमी की भाषा में, जांच एजेंसी का मामला यह है कि शौविक सुशांत को नशीले पदार्थ मुहैया कराने में समन्वय स्थापित करता था. यानी, यदि शौविक की कोई कथित भूमिका है, तो वह दिवंगत अभिनेता के लिए नशीले पदार्थों की थोड़ी मात्रा खरीदना है और इसके लिए उनके खिलाफ लगाए गए आरोप जमानत योग्य हैं. इसमें आरोप लगाया गया है कि जांच एजेंसी ने शौविक को नशीले पदार्थ खरीदने और इसके लिए वित्तीय मदद मुहैया कराने वाले व्यक्ति के तौर पर गलत तरीके से दिखाया. मानेशिंदे ने बताया कि इस मामले में अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है। एनसीबी सुशांत की मौत से जुड़े नशीले पदार्थों के मामले की जांच कर रहा है. सुशांत का शव 14 जून 2020 को उपनगर बांद्रा स्थित उनके आवास में फंदे से लटका मिला था.