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प्रशांत किशोर-ममता बनर्जी के रिश्तों में पड़ी दरार‍! नगर निकाय चुनाव को लेकर टीएमसी में मचा घमासान

पश्चिम बंगाल में होने वाले नगर निकाय चुनाव के इस प्रकरण से टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार के बीच आए मतभेद उभरकर सामने आ गया. हालांकि, प्रशांत किशोर की कंपनी आईपैक ने ममता बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार के रिश्तों में आई दरार की अटकलों को निराधार बताया है.

कोलकाता/नई दिल्ली : भारत के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रिश्तों में दरार पड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं. सियासी गलियारे और मीडिया में इस बात की चर्चा की जा रही है कि पश्चिम बंगाल में स्थानीय नगर निकाय चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन और सूची जारी करने को लेकर दोनों के बीच मतभेद पैदा हो गया. स्थानीय निकाय चुनाव के लिए बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सूची को लेकर पार्टी के अंदर घमासान तो मचा ही है, लेकिन इसका असर प्रशांत किशोर और ममता बनर्जी के रिश्तों के साथ गोवा विधानसभा चुनाव पर भी देखने को मिल रहा है.

बताते चलें कि पश्चिम बंगाल में 108 स्थानीय नगर निकायों के चुनाव होने हैं. इस नगर निकाय चुनाव के लिए टीएमसी की ओर से करीब 2200 प्रत्याशियों का चयन किया गया है. इसके लिए पहली सूची पार्टी के महासचिव की ओर से जारी की गई, जबकि दूसरी सूची पार्टी के फेसबुक पेज पर पोस्ट करके जारी की गई. पार्टी के सूत्रों का कहना है कि नगर निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली सूची टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की मंजूरी मिलने के बाद पार्टी महासचिव की ओर से जारी की गई, जबकि दूसरी सूची में ममता बनर्जी की सहमति नहीं ली गई और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया गया.

150 प्रत्याशियों को लेकर फंसा पेंच

मीडिया से बातचीत के दौरान टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं ने यह भी कहा कि नगर निकाय चुनाव के करीब 150 प्रत्याशियों को लेकर विवाद पैदा हुआ है. प्रत्याशियों की सूची को लेकर पार्टी के अंदर इतना अधिक विवाद पैदा हो गया कि सोमवार को पूरे दिन राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन जारी रहा. आलम यह कि डैमेज कंट्रोल करने के लिए पार्टी के टॉप नेताओं को मैदान में उतरना पड़ा.

आईपैक ने अटकलों को बताया निराधार

सबसे बड़ी बात यह है कि पश्चिम बंगाल में होने वाले नगर निकाय चुनाव के इस प्रकरण से टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार के बीच आए मतभेद उभरकर सामने आ गया. हालांकि, प्रशांत किशोर (पीके) की कंपनी आईपैक ने ममता बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार के रिश्तों में आई दरार की अटकलों को निराधार बताया है.

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कैसे पैदा हुआ विवाद?

दरअसल, टीएमसी में यह विवाद शुक्रवार की शाम को उस वक्त शुरू हुआ, जब टीएमसी महासचिव पार्थ चटर्जी और पार्टी के अध्यक्ष सुब्रत बख्शी ने पार्टी के उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची जारी की, जिस पर उनके हस्ताक्षर थे. पार्टी के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर उम्मीदवारों की एक अलग सूची भी दिखाई दी, जिस पर किसी के हस्ताक्षर नहीं थे. दोनों सूचियों के बाहर होने के बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए. इसी विवाद के बाद से ममता बनर्जी और प्रशांत किशोर के संबंधों में दरार पैदा होने की अटकलें लगाई जानें लगीं.

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