Kanpur : छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में अब कर्मकाण्ड एवं ज्योतिर्विज्ञान के पाठ्यक्रम में छात्रों को पढ़ने का मौका मिल सकेगा. मौजूदा सत्र से युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति को जानने ज्ञान विज्ञान को समझने भारत की श्रेष्ठ संस्कृति को जानने के उद्देश्यों के निमित्त छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविधालय कानपुर, परिसर के स्थित दीनदयाल शोध केंद्र के माध्यम से कर्मकाण्ड एवं ज्योतिर्विज्ञान के पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं.
विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रम कर्मकाण्ड 1 वर्षीय डिप्लोमा, कर्मकाण्ड 6 माह का सर्टीफिकेट पाठ्यक्रम, एम.ए.ज्योतिर्विज्ञान 2 वर्षीय स्नातक, एक वर्ष ज्योतिर्विज्ञान 6 माह का सर्टीफिकेट पाठ्यक्रम होंगे. इस क्षेत्र में डिप्लोमा कार्यक्रम12 माह का एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम 6 माह के लिए होते हैं. छात्र अपनी वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद डिप्लोमा/सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमो में जा सकते हैं.प्रवेश पूर्व परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार किया जाता है. कला विज्ञान अथवा किसी भी स्ट्रीम का विद्यार्थी इन पाठ्यक्रमों में आवेदन कर सकता है.
छात्रों को न्यूनतम 45% कुल अंकों के साथ किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से अपनी उच्च माध्यमिक शिक्षा (कक्षा 10 + 2) पूरी करनी चाहिए. अध्यात्म में रुचि रखने वाले या सितारों, खगोलीय पिंडों और अन्य संबंधित विषयों की ओर रुझान रखने वाले लोगों के लिए ज्योतिष एक बेहतरीन करियर विकल्प है. छात्र इस क्षेत्र में कोर्स करके इन चीजों का गहराई से अध्ययन कर सकते हैं और इसमें एक बेहतरीन करियर भी बना सकते हैं. अनुष्ठानों, धार्मिक अवसरों और विवाह और उद्घाटन जैसी विभिन्न अन्य गतिविधियों में आवश्यकताओं के कारण पेशेवरों की उच्च मांग है.
भारत में कई बड़ी कंपनियां और व्यवसायी अपने पसंदीदा ज्योतिषियों को बड़ी रकम देते हैं. इसलिए अच्छे अनुभव और उच्च स्तर की विशेषज्ञता वाले योग्य पेशेवरों के पास भारत के साथ-साथ विदेशों में भी करियर के बेहतरीन अवसर हैं. यदि आप कर्मकांड में अपना डिप्लोमा पूरा कर लेते हैं इस पाठ्यक्रम का अध्ययन करके, आप एक उपयुक्त करियर चुनने के लिए बेहतर ढंग से सुसज्जित होंगे.1 वर्ष का डिप्लोमा पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद आप इंडियन आर्मी में धर्मगुरु के रूप में भी करियर की शुरुआत कर सकते है.
विश्वविद्यालय में हिंदी संस्कृत और हिंदू स्टडीज के बाद कर्मकांड और ज्योतिर्विज्ञान की शुरुआत होने जा रही है. छात्रों को धर्म संस्कृति से जोड़ने के उद्देश्य से इस कोर्स को शुरू किया गया है. इस कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. 12वीं पास करने वाला कोई भी छात्र इसमें आवेदन कर सकता है. प्रत्येक कोर्स में 25 सीटें निर्धारित है. कोर्स को करने के बाद छात्र के पास पुरोहित का प्रमाण पत्र रहेगा. जिसके जरिए छात्र भारतीय सेना में धर्म शिक्षक की पोस्ट पर नौकरी कर सकता है.बता दे कि भारतीय सेना में धर्म शिक्षक की पोस्ट पर कर्मकांड का डिप्लोमा अनिवार्य होता है,यह कोर्स इसमें मदद करेगा.
कर्मकांड में 1 साल डिप्लोमा कोर्स की फीस 5000, 6 माह के सर्टिफिकेट कोर्स की फीस 2500, ज्योतिर्विज्ञान से परास्नातक की फीस 7000, छह माह के सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम 2500, पीजी डिप्लोमा दीनदयाल अध्ययन का 1 साल के कोर्स का शुल्क 5000, वहीं भारतीय ज्ञान परंपरा का 6 माह का व्यवसायिक पाठ्यक्रम के कोर्स का शुल्क 500 रुपये है. विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ विशाल शर्मा का कहना है कि सीएसजेएमयू में पहली बार कर्मकांड विषय पर डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स की पढ़ाई शुरू होगी. दाखिले की प्रक्रिया चल रही है. 12वीं पास छात्र भी इन कोर्सो में दाखिला ले सकते है.