पानागढ़, मुकेश तिवारी. पूर्व बर्दवान जिले में जगह-जगह आदिवासी समुदाय और संगठन का सड़क अवरोध सोमवार सुबह से जारी है. जिले के मेमारी सातगछिया और जमालपुर में सड़क अवरोध कर आदिवासी सेंगल अभियान (ASA) संगठन की ओर से आहूत 12 घंटे का बंद आज बुलाया गया है. दक्षिण दिनाजपुर जिले के तपन प्रखंड में आदिवासी समुदाय की महिलाओं के साथ हुए अभ्रद्र आचरण को लेकर सड़क अवरोध कर आदिवासी संगठन द्वारा विक्षोभ जताया गया. आज संगठन की ओर से आहूत 12 घंटा बाजार भी बंद रखा गया है.
आदिवासी समुदाय द्वारा सड़क अवरोध किया गया
दूसरी ओर कालना में भी कई जगह आदिवासी समुदाय द्वारा सड़क अवरोध किया गया. आदिवासियों ने पूर्व बर्दवान जिले के मेमारी के सातगछिया और जमालपुर में सड़क पर उतरकर अपने पारंपरिक हथियारों, तीर-धनुष के साथ जाम कर दिया है. जिसके कारण लंबी ट्रैफिक जाम लग गई. पुलिस मौके वारदात पर पहुंच कर परिस्थिति को नियंत्रित करने में जुट गई है. अवरोध के कारण स्थिति तनावपूर्ण बन गई.
जानिए क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि दक्षिण दिनाजपुर जिले के तपन प्रखंड की तीन आदिवासी महिलाओं को कथित तौर पर भाजपा में शामिल होने की सजा के तौर पर सड़क पर एक खंभा बांध कर तृणमूल कार्यालय जाने के लिए मजबूर किया गया था. इस घटना को लेकर पूरे राज्य में बवाल मच गया है. प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजुमदार ने बीजेपी की ओर से आदिवासी महिला आयोग को लिखित शिकायत की है. आरोपी तृणमूल नेता को पार्टी पद से हटा दिया गया है.
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कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई
हालांकि, उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई. आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेता के खिलाफ आदिवासी संगठनों की ओर से थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी है. इतना करने के बावजूद पुलिस अभी तक आरोपी तृणमूल नेता को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. इस घटना से विक्षुप्त आदिवासी समुदाय और संगठन के लोग आज सड़क पर उतर आए है. अवरोध के कारण यात्री बसों के आवागमन पर भी आज प्रभाव पड़ा. हालांकि, पुलिस यात्री बसों को रोकने के बाद उन्हें जगह-जगह रवाना करते नजर आई.