Jharkhand news: अगर किसी से पूछा जाये कि पहले सड़क बनेगी की नाली, तो वह नाली की बात ही कहेगा, जो सही है. लेकिन, गढ़वा नगर परिषद इसके ठीक विपरीत काम कर रही है. करीब एक साल पहले लाखों रुपये खर्च कर सड़क का निर्माण करने के बाद अब नाली निर्माण के लिए उसी नयी सड़क को खोदकर बर्बाद कर दिया गया है. नगर परिषद के इस अविवेकपूर्ण निर्णय की शहरवासी काफी आलोचना कर रहे हैं. ऐसे में गढ़वा शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाने का संकल्प स्वयं नगर परिषद ही तोड़ता नजर आ रहा है, जबकि लाखों रुपये की बर्बादी कर दी गयी सो अलग.
मालमू हो कि करीब एक साल पूर्व नगर परिषद की ओर से गढ़वा एनएच-75 सड़क के दोनों तरफ शहर को सुंदर बनाने के उद्देश्य से पेवर ब्लॉक से सड़क का निर्माण कराया गया था. सड़क की दोनों ओर दायें व बायें किनारे को जोड़कर करीब 5600 फीट (रंका मोड़ से सरस्वतिया पुलिया तक) लंबे पेवर ब्लॉक सड़क का निर्माण 19 लाख रुपये की लागत से कराया गया था. एक पेवर ब्लॉक ईंट की कीमत करीब 15-16 रुपये आती है.
करीब सालभर बाद नगर परिषद को जब मुख्य पथ में नाली निर्माण की याद आयी, तो एक करोड़ रुपये की लागत से नाली का निर्माण शुरू कराया गया. सड़क के दोनों किनारे 2800-2800 फीट लंबी नाली का निर्माण किया जा रहा है. आधे से अधिक नाली का निर्माण कराया भी जा चुका है. नाली निर्माण के लिए पेवर ब्लॉक सड़क को तोड़ा जा रहा है. सुंदरीकरण के नाम पर लगाये गये पेवर ब्लॉक को एक साल के अंदर ही नगर परिषद ने जेसीबी से नाली की मिट्टी के साथ तोड़कर कचरे में फेंकवा दिया.
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सड़क के दोनों किनारों एक फीट से तीन फीट तक चौड़े पेवर ब्लॉक सड़क को तोड़ी गयी है़ ऐसे में लाखों रुपये के पेवर ब्लॉक ईंट को क्षतिग्रस्त कर फेंक दिया गया है. लोगों के बीच इस बात की जबरदस्त चर्चा हो रही है कि नगर परिषद योजना ठेकेदार को ध्यान में रखकर ले रही है या शहर के विकास को लेकर.
इस संबंध में चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष बबलू पटवा ने कहा कि नगर परिषद का यह निर्णय पूरी तरह से अविवेकपूर्ण है. उसमें बैठे अधिकारी एवं इंजीनियर्स को यह पता होना चाहिए कि कौन-सी योजना पहले लेनी है. उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा देनेवाला निर्णय है, क्योंकि जब एक ही एजेंसी दोनों कार्य को कर रही है, तो पहले कौन सा कार्य होगा, यह उसे पता होना चाहिए था.
वहीं, नगर परिषद अध्यक्ष पिंकी केसरी ने कहा कि जब पेवर ब्लॉक सड़क का निर्माण किया जा रहा था, तब नाली निर्माण कराने की योजना दूर-दूर तक नहीं थी. लेकिन, अब जरूरत व राशि के हिसाब से नाली का निर्माण कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जो पेवर ब्लॉक क्षतिग्रस्त हुए हैं, उसकी भरपाई ठेकेदार से की जानी चाहिए.
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रिपोर्ट : पीयूष तिवारी, गढ़वा.