पानागढ़, मुकेश तिवारी. पश्चिम बर्दवान जिले के पानागढ़ ग्रामीण अस्पताल के पास स्थित अंडर पास को शुक्रवार को विभिन्न मांगों को लेकर दिशम आदिवासी गवता के बैनर तले आदिवासी समुदाय ने पानागढ़ इलमबाजार सड़क जाम कर विरोध जताया. शिक्षा के क्षेत्र में आदिवासियों को वंचित करने का आरोप लगाते हुए राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ आदिवासियों ने करीब चार घंटे तक सड़क जाम कर दी.
मौके पर कांकसा के बीडीओ परना दे, जिला प्रशासन के एक अधिकारी समेत भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद थी. पुलिस प्रशासन के आश्वासन के बाद सड़क जाम खत्म कर दिया गया. भारी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग हरवे-हथियार से लैस थे. उन्होंने हाथ में तख्त और बैनर ले रखे थे.
पश्चिम बंगाल राज्य आदिवासी संगठन के नेता रोबिन सोरेन ने कहा कि मुख्य रूप से उनकी तीन मांगें हैं. पहली मांग यह है कि कांकसा बनकाठी अंचल के डांगाल स्थित पंडित रघुनाथ मुर्मू इंग्लिश मीडियम आवासीय स्कूल में राज्य सरकार द्वारा फीडर ग्रांट शुरू किया जाये. इसी अंचल के एकलव्य रेसिडेंशियल स्कूल में लॉटरी सिस्टम से एडमिशन की प्रक्रिया बंद करनी होगी. टेस्ट के आधार पर एडमिशन लेना होगा. तीसरी मांग है कि दुर्गापुर फुलझोड़ स्थित पंडित रघुनाथ मुर्मू आवासीय स्कूल के हॉस्टल में नियुक्त कर्मियों को स्थायी करना होगा.
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इन तीन सूत्री मांगों को लेकर ही आदिवासी समुदाय ने सड़क को जाम किया. कांकसा बीडीओ परना दे ने धरना दे रहे लोगों से कहा कि मामले को वह उच्च अधिकारियों तक पहुंचा देंगी. उनकी मांगें राज्य सरकार के पॉलिसी के तहत आती हैं. वह अपने उच्चाधिकारियों को इससे अवगत करा देंगी. उनके स्तर से जो भी संभव होगा, वह मदद करेंगी.
दूसरी तरफ, आदिवासी समुदाय के लोगों ने एक महीने का अल्टीमेटम दिया है. कहा है कि अगर एक महीने में उनकी मांगों पर सकारात्मक विचार नहीं हुआ, तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जायेंगे. मौके पर दुर्गापुर एसीपी तथागत पांडे, रानीगंज जमुरिया एसीपी श्रीमंत मुखोपाध्याय, कांकसा थाना आईसी संदीप चट्टोराज समेत पुलिस के अन्य आला अधिकारी मौजूद थे.