धनबाद जिले में ग्रामीण कार्य विभाग (आरडब्ल्यूडी) की योजनाओं की स्थिति हाथी के दांत की तरह हो गयी है. दिखाने के कुछ और खाने के कुछ और. इसका ताजातरीन उदाहरण है गोविंदपुर प्रखंड के मरिचो पंचायत में डीएमएफटी फंड से बन रही सड़क. निर्माण क्षेत्र में योजना के बोर्ड पर 15 दिसंबर 2022 को ही लिख दिया गया है कि उक्त सड़क व पुलिया का निर्माण कार्य पूर्ण करा लिया गया है, पर हकीकत में उक्त सड़क अब तक नहीं बनी है. इसका खुलासा तब हुआ, जब मंगलवार 16 जनवरी को प्रभात खबर की टीम ने 2.83 करोड़ (डीएमएफटी) की लागत से बनी इस सड़क का निरीक्षण किया. प्रभात खबर की टीम ने देखा कि सड़क पर दो स्थान पर गार्डवाल धंस गये हैं. तीन-चार स्थानों पर सड़क उखड़ गयी है. कुछ हिस्सों में पीसीसी का काम हुआ, तो फ्लैंग नहीं बनाया गया है. इतना ही नहीं एक बड़े हिस्से में ब्लैक टॉप का काम हुआ ही नहीं है. जगह-जगह पत्थर व स्टोन डस्ट डाल कर छोड़ दिया गया है.
गोविंदपुर प्रखंड की मरिचो पंचायत में ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा डोमनपुर-मनियाडीह मुख्य पथ पर तिलैया चरकी डुमरी से बेराडीह आमटांड़ तक सड़क निर्माण कराया जा रहा है. इस काम में सड़क के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण का काम भी शामिल है. इस सड़क के निर्माण के लिए जिला खनिज विकास न्यास (डीएमएफटी) से 2,83,67,525 रुपये स्वीकृत किये गये. इस निर्माण कार्य में मुख्य सड़क के अलावा पांच पुलिया व एक बड़ा जोड़िया के पास बड़ा गार्डवाल भी बनाना था. काम संजय शर्मा को आवंटित किया गया है. सनद रहे कि इस निर्माण क्षेत्र में ग्रामीण कार्य विभाग की तरफ से एक बोर्ड लगाया गया है. इसके अनुसार सड़क का काम 16.08.2022 को शुरू हुआ और चार माह के अंदर 15.12. 2022 को पूर्ण हो गया, लेकिन सच यह है कि इस सड़क का काम दिसंबर 2023 तक चला. तीन दिन पहले भी इस सड़क में जहां पीसीसी का काम हुआ है, वहां पर बालू व मिट्टी का छिड़काव किया गया है. यानी सड़क के पूर्ण होने के दावे से संबंधित बोर्ड के लगने के 13 माह बाद भी काम अपूर्ण है.
इस सड़क पर पांच पुलिया का निर्माण भी करना था, लेकिन ग्रामीणों के अनुसार यह काम नहीं हुआ. पहले से जो पुलिया बनी हुई थी, उनकी ही मरम्मत करा दी गयी. उसी पर दो-तीन फीट ईंट जोड़ कर छोड़ दिया गया. कई में तो प्लास्टर तक नहीं किया गया है. जब टीम वहां गयी, तो देखा कि एक भी पुलिया पूरी तरह तैयार नहीं थी. इस सड़क के उस हिस्से को, जो गांव के अंदर से गुजरती है, पीसीसी कर छोड़ दिया गया. हद यह कि पीसीसी का काम भी पूरी तरह से पूर्ण नहीं है. फ्लैंक तो कहीं बना ही नहीं, जबकि पीसीसी में फ्लैंक अनिवार्य है. कहीं भी ब्लैक टॉप का काम नहीं हुआ है.
इस सड़क पर कारीटांड़ में एक बड़ा जोड़िया है. वहां दो-तीन स्थानों पर गार्डवाल धंस गया है. जानकार बताते हैं कि गार्डवाल बहुत छोटा बनाया गया था, पर वह भी काम में आने से पहले ही धंस गया. एक दूसरा गार्डवाल तो सड़क से काफी दूर बना है, वह भी सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं है.
क्या कहते हैं मुखिया, ग्रामीण
पीसीसी सड़क कई जगह उखड़ गयी है. इसकी शिकायत विभाग से की गयी है. गार्डवाल भी धंस गया है. निर्माण की गुणवत्ता बेहद खराब है. डीएमएफटी के नाम पर लूट मची है.
यशोदा देवी, मुखिया, मरिचो पंचायत
सड़क निर्माण में बहुत गड़बड़ी हुई है. जगह-जगह सड़क टूट गयी है. जहां-तहां मिट्टी, पत्थर डाल कर छोड़ दिया गया है. शिकायत के बावजूद कोई सुनने वाला नहीं है.
सुरेंद्र महतो, ग्रामीण
सड़क निर्माण के नाम पर मजाक हुआ है. इससे ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं हो रहा है. गांव में भी पीसीसी का काम पूरा नहीं हुआ है. आधा काम करके ही संवेदक और उसका आदमी भाग गया है. एक जगह भी नाला नहीं बनाया गया है.
मंटू महतो, ग्रामीण
डीएमएफटी से हो रहे इस सड़क निर्माण कार्य को लेकर अभी विभाग की तरफ से फाइनल नहीं किया गया है. ठेकेदार ने गलत बोर्ड लगाया है. तीन करोड़ रुपये का काम चार माह में पूर्ण नहीं हो सकता है. अब तक संवेदक को 60 फीसदी बिल का भी भुगतान नहीं किया गया है. विभाग की टीम सड़क की जांच करेगी. बचे हुए कार्यों को पूर्ण कराया जायेगा.
मनोज कुमार, कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग.
Also Read: धनबाद : सुबह की ट्रेन आ रही रात को, इंतजार में यात्री परेशान