धनबाद में चलाया जा रहा सड़क सुरक्षा सप्ताह अभियान, ट्रैफिक नियमों के पालन में हो रही कोताही
Road Safety Week campaign: धनबाद में प्रतिमाह लगभग 22 से 25 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत होती है. इसमें अधिकतर बाइक चालक होते हैं. इससे भी लोग नहीं सीखते हैं. दूसरी ओर ट्रैफिक को लेकर जिले में सुदृढ़ व्यवस्था की कमी है. इन सब के बीच सड़क सुरक्षा सप्ताह 11 से 17 जनवरी तक चलाया जा रहा है.
धनबाद, नीरज अंबष्ठ : सड़कों पर गलत तरीके से वाहनों की पार्किंग और ट्रैफिक नियम को तोड़ते लोग कहीं भी दिख जायेंगे. दूसरी ओर ट्रैफिक को लेकर जिले में सुदृढ़ व्यवस्था की कमी है. इन सब के बीच सड़क सुरक्षा सप्ताह 11 से 17 जनवरी तक चलाया जा रहा है. इस स्थिति में सवाल उठता है कि हम नहीं सुधरेंगे और व्यवस्था सुदृढ़ नहीं होगी तो सिर्फ सड़क सुरक्षा सप्ताह से कैसे तस्वीर बदलेगी. दुर्घटनाओं पर लगाम कैसे लगेगी. कई बार लोग दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं. वाहन चालक की थोड़ी सी लापरवाही लोगों की जान पर बन आती है. ट्रैफिक पुलिस भी लगातार कार्रवाई करती दिखती है, शहर में खास कर नो पार्किंग में खड़े वाहनों से जुर्माना वसूला जाता है. इसके बाद भी ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करना युवाओं का शगल सा बन गया है.
बगैर हेलमेट के बाइक चालक को भी पंप पर मिलता है पेट्रोल
सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए परिवहन विभाग पिछले 10 वर्ष में कई बार आदेश निकालकर कहा गया कि बगैर हेलमेट के बाइक चालक को पेट्रोल नहीं दिया जाये. लेकिन इस आदेश का पालन सभी पेट्रोल पंपों पर नहीं किया जाता है.कई पेट्रोल पंप तो बोतल में भी पेट्रोल दे देते हैं.
बाइक के पीछे बगैर हेलमेट बैठे सवार का नहीं होता चालान
धनबाद में प्रतिमाह लगभग 22 से 25 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत होती है. इसमें अधिकतर बाइक चालक होते हैं. इससे भी लोग नहीं सीखते हैं. मौत का मुख्य कारण हेड इंज्यूरी होती है. सिर्फ एसएनएमएमसीएच की इमरजेंसी वार्ड में खड़े रहे तो इस तरह के कई मामले देखने को मिल जाते है. पुलिस बगैर हेलमेट के बाइक चलाने वालाें का चालान तो करती है, लेकिन यदि चालक ने हेलमेट पहना है और पीछे बैठे सवार ने हेलमेट नहीं पहना है तो चालान नहीं किया जाता है. हालांकि रांची में ऐसी स्थिति नहीं है. यदि पीछे बैठे व्यक्ति ने हेलमेट नहीं पहना है, तब उनसे जुर्माना वसूलने की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है.
छोटे बच्चों को वाहन चलाने के लिए दे देते हैं अभिभावक
कई बार अभिभावक अपने छोटे बच्चों को वाहन चलाने के लिए दे देते हैं. यह खतरनाक है. वे वाहन को लापरवाही से चलाते हैं. अपनी जान के दुश्मन तो बनते ही हैं, दूसरों की भी परवाह नहीं करते. कई बार पुलिस इनपर कार्रवाई करती है. कई लोग तो बाइक चलाते समय हेलमेट नहीं पहनते हैं, ऊपर से मोबाइल से बात करते हुए चलते हैं.
नो पार्किंग में गाड़ी खड़ा करना बन गयी है आदत
धनबाद के सभी प्रमुख सड़कों पर ट्रैफिक नियम के लिए साइन बोर्ड लगाये गये हैं. उसके बाद भी नो पार्किंग के स्थान पर लोग अपने वाहन को पार्क करने से बाज नहीं आते हैं. यह स्थिति कोर्ट रोड से लेकर बैंक मोड़, सिटी सेंटर और सरायढेला तक दिखती है. हालांकि कई जगहों पर वाहन के लिए पार्किंग की व्यवस्था नहीं है, उस स्थिति में लोग विवशता में भी अपने वाहन को सड़क पर लगा देते हैं.
कई सड़क पर रोड सेफ्टी के चिह्न नहीं लगे हैं
धनबाद जिला में कुछ स्थानों पर रोड सेफ्टी का चिह्न लगाया गया है, लेकिन अधिकतर स्थानों पर कोई चिह्न नहीं है. लोगों को पता नहीं चल पाता कि किस सड़क में किस रफ्तार से चलें. वाहन खड़ा करें या न करें. कहां आगे चल कर ब्रेकर मिलेगा, कहां तीखा मोड़ है, कहां डेंजर जोन है. इसके अलावा भी कई साइन बोर्ड हैं, जो नहीं दिखते हैं.
ट्रेंड ट्रैफिक पुलिस का है अभाव
धनबाद में यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये रखने के लिए ट्रेंड ट्रैफिक पुलिस का अभाव है. सामान्य पुलिसकर्मियों को यातायात व्यवस्था बनाये रखने में लगा दिया जाता है. उन्हें यातायात व्यवस्था संभालने की ट्रेनिंग नहीं दी जाती है. इसका खामियाजा जाम के रूप में दिखता है.
ट्रैफिक नियम का करें पालन
वाहन पार्किंग का विशेष ध्यान रखे, निर्धारित लेन में ही वाहन चलायें, ओवर टेक से दूरी बनाये, नो इंट्री का ध्यान रखे, बाइक चलाते समय हेलमेट जरूर पहनें, बाइक पर पीछे बैठे व्यक्ति को भी हेलमेट पहनने के लिए कहें. कार चलाते समय सीट बेल्ट का प्रयोग करें, सिर्फ जरूरी होने पर ही हॉर्न बजाये, वाहन की गति पर नियंत्रित रखे, यातायात चिह्न का ख्याल रखे, छोटे बच्चों को वाहन चलाने के लिए न दें.
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ट्रैफिक डीएसपी ने कहा, होगी कार्रवाई
ट्रैफिक डीएसपी राजेश कुमार ने बताया कि 11 से लेकर 17 तक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है. इस दौरान लोगों को हेलमेट लगाने, पीछे बैठे लोगों को हेलमेट लगाने, पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट के तेल नहीं देने के अलावा कई तरह की जागरूकता फैलायी जायेगी. यदि उसके बाद भी लोग नहीं मानते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जायेगी.