टीम इंडिया के ओपनिंग बैट्समैन रोहित शर्मा ने कहा कि कोविड-19 महामारी से राहत मिलने पर भारत जब इस साल के आखिर में आस्ट्रेलिया का दौरा करेगा तो उन्हें हेजलवुड का सामना करने के लिये मानसिक रूप से तैयार होना होगा. उन्होंने बताया कि ब्रेट ली की तूफानी गेंदबाजी का सामना करने के विचार से ही एक समय उनकी नींद उड़ जाती थी, लेकिन वर्तमान गेंदबाजों में जोश हेजलवुड वह तेज गेंदबाज हैं जिनका यह भारतीय सलामी बल्लेबाज टेस्ट मैचों में सामना नहीं करना चाहता है. रोहित से जब पूछा गया कि उन्हें अब तक किस तेज गेंदबाज का सामना करने में सबसे मुश्किल आयी, तो उन्होंने कहा, कि वह गेंदबाज ब्रेट ली है, क्योंकि 2007 में आस्ट्रेलिया के मेरे पहले दौरे में उसके कारण मैं सो नहीं पाया था. मैं सोच रहा था कि 150 किमी से अधिक की रफ्तार से गेंदबाजी करने वाले इस गेंदबाज का कैसे सामना करूंगा.
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उन्होंने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ में कहा, कि ब्रेट ली 2007 में अपने चरम पर था. मैं उस पर करीबी नजर रखता था और मैंने पाया कि वह लगातार 150-155 किमी की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहा है. इस तरह की तूफानी गेंदबाजी का सामना करने के विचार से ही मुझ जैसे युवा खिलाड़ी की नींद उड़ गयी. रोहित शर्मा ने 2007 में पदार्पण किया और इसके बाद कई यादगार पारियां खेली है. सीमित ओवरों की क्रिकेट में तो उन्होंने अपनी विशेष छाप छोड़ी. उन्होंने अब तक वनडे में 29 और टेस्ट मैचों में छह शतक लगाये हैं. टी20 अंतरराष्ट्रीय में उनके नाम पर तीन शतक दर्ज हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जिस गेंदबाज का मैं टेस्ट मैचों में सामना नहीं करना चाहता हूं वह जोश हेजलवुड है क्योंकि वह बेहद अनुशासित गेंदबाज है और अपनी लेंथ से टस से मस नहीं होता. वह आपको ढीली गेंद नहीं देता है.
रोहित ने इसके साथ ही कहा कि दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज डेल स्टेन ने भी उनको काफी परेशान किया क्योंकि वह अच्छी गति से गेंद को स्विंग कराने में माहिर था. उन्होंने कहा कि संन्यास ले चुके गेंदबाजों में मेरे दो पसंदीदा गेंदबाज है. एक तो ब्रेट ली है और दूसरा डेल स्टेन है. मैं कभी स्टेन का सामना नहीं करना चाहता था क्योंकि एक साथ तेज और स्विंग लेती गेंद का सामना करना बुरे सपने जैसा था. रोहित ने कहा कि वर्तमान समय के तेज गेंदबाजों में हेजलवुड सर्वश्रेष्ठ है. उन्होंने कहा, कि मैंने उसे समझने के लिये उसकी गेंदबाजी को काफी देखा है. मैं जानता हूं कि अगर मैं इस साल आस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच खेलने के लिये जाता हूं तो मुझे जोश का सामना करते हुए अनुशासित बने रहने के लिये मानसिक तौर पर तैयार रहना होगा.