खेल प्रशासक की भूमिका बहुत चुनौतीपूर्ण, ‘प्रभात खबर’ के साथ विशेष बातचीत में बोलीं पीटी ऊषा

भारत की उड़नपरी और इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी ऊषा रविवार को झारखंड की राजधानी रांची में थीं. प्रभात खबर ने खेल के मुद्दे पर उनसे विशेष बातचीत की. वरीय संवाददाता दिवाकर सिंह ने उनसे कई सवालों के जवाब जानें. पेश हैं मुख्य अंश:

By Prabhat Khabar News Desk | February 12, 2024 11:24 AM

भारत की उड़नपरी, राज्यसभा सांसद व भारतीय ओलिंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा रविवार को रांची में थी. भारतीय ओलिंपिक संघ की अध्यक्ष बनने के बाद वह पहली बार रांची आयी हैं. उनका कहना है कि जीवन के इस पड़ाव में वह कई भूमिका निभा चुकी हैं. खिलाड़ी के तौर पर पहचान बनी. खेल प्रशासक रही. राज्यसभा सदस्य हूं. पारिवारिक जिम्मेदारी भी है. लेकिन, खेल प्रशासक की भूमिका को सही से निभाना सबसे बड़ी चुनौती है. शुरू से आदत रही है कि चुनौती का सामना करने का. इस कारण इससे भागती नहीं हूं. जिस स्थिति में आइओए मिला है, उसको खेल और खिलाड़ी के लिए और दुरुस्त करने में जुटी हूं. राजधानी प्रवास के दौरान ‘प्रभात खबर’ के वरीय संवाददाता दिवाकर सिंह ने उनसे बात की. प्रस्तुत है बातचीत के अंश :

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एथलीट के बाद सांसद और अब आइओए अध्यक्ष, कैसा रहा सफर

एक एथलीट के रूप में सफर बहुत ही अच्छा रहा. कभी भी किसी ऐसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. जिससे लगा कि बहुत मुश्किल है. इसके बाद अभी तक राज्यसभा सांसद के रूप में भी बेहतर अनुभव है. लेकिन जब बात एसोसिएशन (आइएओ) की आती है तो उसमें बहुत कुछ किया जा सकता है, लेकिन बहुत मुश्किल है. उसमें कुछ काम करने जाइये तो कई तरफ से परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लेकिन मैं परेशानियों से भागने या पीछे हटनेवाली नहीं हूं. सब ठीक कर दूंगी.

पहले और अब के खेल में कितना अंतर आया है

हमारे समय में खेल में सुविधाओं की कमी थी. इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं थे, लेकिन अब खिलाड़ियों को पूरी सुविधा मिलती है. सरकार और एसोसिएशन का भी सपोर्ट है. रिजल्ट भी देखने को मिल रहा है. हमारे खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अच्छा कर रहे हैं.

झारखंड खेल का हब बन सकता है, यहां के खिलाड़ियों में कितनी क्षमता है

झारखंड में खेल के लिए सबसे बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर है. मैं यहां पहले भी कई बार आ चुकी हूं. यहां कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन हुए हैं, इसलिए कहा जा सकता है कि झारखंड स्पोर्ट्स हब बन सकता है. यहां हो रहे मैराथन में कई खिलाड़ी बेहतर कर रहे हैं और पदक जीत रहे हैं. एथलेटिक्स में भी यहां के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन कर रहे हैं.

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मिशन ओलिंपिक की क्या तैयारी है

ओलिंपिक की बेहतर तैयारी हो रही है. मुझे उम्मीद है कि इस ओलिंपिक में पहले की तुलना में अधिक पदक हमारे खिलाड़ी जीतेंगे. खिलाड़ियों को पूरी सुविधा मिल रही है. अत्याधुनिक तरीके से खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.

कुश्ती में चल रहे विवाद पर आपका क्या कहना है

कुश्ती के लिए एडहॉक कमेटी बनी है और वो कुश्ती का संचालन कर रही है. कमेटी जल्द ही सब ठीक कर देगी. मैं भी इसे देख रहीं हूं. जल्द ही सब ठीक कर दूंगी.

इतने व्यस्त समय में आप परिवार के साथ कैसे तालमेल बिठा पाती हैं

मेरी फैमिली बहुत सपोर्टिव है, मेरा बेटा स्पोर्ट्स मेडिसिन का डॉक्टर है, मेरे पति पुलिस ऑफिसर रह चुके हैं. उन्होंने मुझे सपोर्ट करने के लिए वीआरएस ले लिया. अभी तो मेरी फैमिली मेरा पूरा सहयोग करती है. इस कारण मैं सभी काम सफलतापूर्वक कर पाती हूं. स्पोर्ट्स मेरा पैशन है और मैं इसे प्राथमिकता देती हूं.

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