कानपुरः शहर को स्मार्ट सिटी बनाने वाला केडीए खुद के विकास को रहा तरस, बारिश में टपक रही छत
कानपुर विकास प्राधिकरण के परिसर में गेट के बाहर लगा जनरेटर अक्सर बिजली चले जाने पर इस्तेमाल किया जाता है. यह जनरेटर चालू होने पर जहर उगल रहा है. इससे निकलने वाले धुएं से विभाग के कर्मचारी व नागरिक परेशान हैं. लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है.
कानपुर को विकसित करने का दावा करने वाला विकास प्राधिकरण खुद के विकास के लिए तरस रहा है. विभाग में मेंटेनेंस सिर्फ फाइल में किया जा रहा है.विभाग के कमाउपूत केयर टेकर मेंटेनेंस के नाम पर फ़ाइल बनाकर पास करने में लगे हैं. लेकिन केडीए में मेंटेनेंस के नाम पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. शहर को विकसित करने का दावा करने वाला केडीए अपने खुद का विकास कर ले उसके बाद नए कानपुर को बसाए तो सही होगा. यह हम नहीं कह रहे. यह शहर के उन नागरिकों का कहना है. जो प्राधिकरण में अपने कार्यों को कराने के लिए चक्कर काटने पर मजबूर हैं.
सरकार की नजरों में कमाऊ पूत बने इस विभाग में जगह जगह पर हो रहे भ्रष्टाचार की बू आती है. कानपुर विकास प्राधिकरण का डीजल घोटाला किसी से भी अछूता नहीं है. हालांकि इस डीजल घोटाले में वह अधिकारी नहीं आए जो इस भ्रष्टाचार के मुख्य जनक थे. मामला शासन स्तर पर पहुंचा तो विभाग ने निचले स्तर के कर्मचारियों पर गाज गिरा दी. वर्तमान में केडीए में तैनात केयरटेकर तेजवीर सिंह अपनी कार्यशैली को लेकर सुर्ख़ियों में हैं. सूत्रों के मुताबिक विभाग में कई ऐसी फाइले हैं. जिस पर काम दिखाकर लाखों रुपए का बिल पास किया जा रहा है. लेकिन वह समस्या जस की तस बनी हुई है.
जहर उगल रहा केडीए का जनरेटर
कानपुर विकास प्राधिकरण के परिसर में गेट के बाहर लगा जनरेटर अक्सर बिजली चले जाने पर इस्तेमाल किया जाता है. यह जनरेटर चालू होने पर जहर उगल रहा है. इससे निकलने वाले धुएं से विभाग के कर्मचारी व नागरिक परेशान है. जनरेटर चालू होने पर लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी के अनुसार प्राधिकरण के जनरेटर की मरम्मत कराने पर लाखों रुपए के बिल पूर्वी वीसी अरविंद सिंह के चहेते केयरटेकर केडी उपाध्याय से पास कराने के लिए लगे हुए. लेकिन सत्यता यह है कि विभाग में लगा जनरेटर धूमे के रूप में इंसानी जहर उगल रहा है.
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विकास प्राधिकरण के अंदर छत से टपक रहा पानी
कानपुर में सीजन की पहली बारिश ने कानपुर विकास प्राधिकरण में हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी है. विकास प्राधिकरण के अंदर पानी छत से टपक रहा है और नीचे पानी को स्टोर करने के लिए एक बाल्टी रखी गई है अब आप ही बताइए शहर को विकास का पाठ पढ़ाने वाला खुद कानपुर विकास प्राधिकरण और उसके जिम्मेदार जिस जगह बैठते हैं उस भवन में पानी टपक रहा है और ऐसे समय में जब अभी बारिश खुलकर नहीं हो रही सूची अगर बारिश जमकर हुई तो क्या नजारा होगा इस विभाग का. लोग तो यहां तक कहने पर मजबूर हो जाते हैं कि शर्म नहीं आती इस विभाग के जिम्मेदारों को. सूत्र बताते हैं कि छात्रों की मरम्मत के लिए टेंडर हुआ था. टेंडर होने के बाद कहां पैसा लगा यह तो भगवान ही जानता है लेकिन अब देखना यह होगा कि वर्तमान में कानपुर विकास प्राधिकरण का कार्यभार संभाल रहे जिलाधिकारी विशाख जी इस मामले में क्या एक्शन लेते हैं या फिर ऐसे ही विभाग में भ्रष्टाचार का खेल जारी रहने देंगे.
रिपोर्टः आयुष तिवारी