राउरकेला महानगर निगम ने राज्य पशु पालन सचिव व निदेशक को लिखा पत्र, वेडिंग जोन निर्माण को लेकर विवाद
समस्या इसलिए उत्पन्न हुई, क्योंकि विवादित क्षेत्र में वेडिंग जोन बनाने से पहले आरएमसी अधिकारियों ने पशुपालन विभाग से अनुमति नहीं ली थी. इससे भूमि विवाद को लेकर आरएमसी के वेडिंग जोन के निर्माण को बड़ा झटका लगा है.
राउरकेला महानगर निगम (आरएमसी) द्वारा एसटीआइ चौक स्थित पशु चिकित्सालय के किनारे निर्माणाधीन वेडिंग जोन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. विभाग की अनुमति के बिना पशु चिकित्सालय की जमीन पर वेंडरों को पुनर्वास करने के लिए आरएमसी द्वारा वेडिंग जोन के निर्माण पर आपत्ति जतायी गयी है. पशु चिकित्सा अस्पताल ने आरएमसी के इस तरह के अवैध निर्माण के विरोध में राज्य पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव, निदेशक, आरएमसी आयुक्त और जिला मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखा है.
इस पत्र में पशु चिकित्सालय की जमीन की पहचान होने तक वेडिंग जोन का काम बंद रखने की मांग रखी गयी है. इस बीच आरएमसी आयुक्त ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है. जानकारी के अनुसार, एसटीआइ पशु चिकित्सालय के साथ सरकारी आवास है. एसटीआइ रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण के दौरान काम में रुकावट आने से पशु चिकित्सालय की चहारदीवारी ताेड़ी गयी थी. इस चहारदीवारी से सटे गणेश मार्केट के 47 से अधिक दुकानदारों को हटाया गया. इन दुकानदारों को अब पशु चिकित्सालय परिसर में अस्थायी रूप से बसाया गया है.
अब आरएमसी ने उन्हें वहां एक वेडिंग जोन बनाकर पुनर्वास की योजना बनायी है. पशु चिकित्सालय की सड़क (एसटीआइ चौक की तरफ) से लगभग 93 फीट और रेलवे लाइन की तरफ लगभग 53 फीट की जमीन है. बताया जाता है कि समस्या इसलिए उत्पन्न हुई, क्योंकि विवादित क्षेत्र में वेडिंग जोन बनाने से पहले आरएमसी अधिकारियों ने पशुपालन विभाग से अनुमति नहीं ली थी. उधर, विवाद के बाद राउरकेला तहसील कार्यालय के दो आरआइ पहले ही कह चुके हैं कि वेडिंग जोन की निर्माणाधीन जमीन का पट्टा पशु चिकित्सालय के नाम से है.
इससे भूमि विवाद को लेकर आरएमसी के वेडिंग जोन के निर्माण को बड़ा झटका लगा है. इससे पुनर्वास हाेनेवाले दुकानदार भी परेशान हैं. वहीं, अब आगामी दिनों में सबकी निगाहें इस पर टिकी है कि यहां वेडिंग जोन का निर्माण हो रहा है या नहीं.