चक्रधरपुर RPF ने बेंगलुरू जा रहे 10 नाबालिग बच्चों को पकड़ा, चाइल्ड लाइन सब सेंटर को सौंपा

बेंगलुरू जा रहे 10 नाबालिग को चक्रधरपुर के रेलवे सुरक्षा बल ने पश्चिमी सिंहभूम के रेलवे स्टेशन पर पकड़ लिया. बताया जा रहा है कि इन बच्चों को मानव तस्कर ले जा रहे थे. इनमें 5 लड़के और 5 लड़की शामिल हैं. इसके बाद आरपीएफ ने चाइल्ड लाइन सब सेंटर गोइलकेरा के टीम को सौंप दिया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2022 8:59 AM
an image

Chakradharpur News: बेंगलुरू जा रहे 10 नाबालिग को चक्रधरपुर के रेलवे सुरक्षा बल ने पश्चिमी सिंहभूम के रेलवे स्टेशन पर पकड़ लिया. इनके बारे में आरपीएफ को गुप्त सूचना मिली थी. बताया जा रहा है कि इन बच्चों को मानव तस्कर ले जा रहे थे, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. हालांकि नाबालिग को ले जाने वाले व्यक्ति को आरपीएफ पकड़ नहीं पाई है. इनमें 5 लड़के और 5 लड़की शामिल हैं. सभी नाबालिग टाटा-यशवंतपुर एक्सप्रेस ट्रेन से बेंगलुरु जा रहे थे.

इस संबंध में रेलवे सुरक्षा बल के थाना प्रभारी विक्रम सिंह ने बताया कि शुक्रवार की रात सभी नाबालिग को चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर खड़े थे. आशंका होने पर सभी नाबालिग से आरपीएफ ने पूछताछ शुरु कर दी. पूछताछ में 9 नाबालिग पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा के मुफस्सिल थाना अंतर्गत विभिन्न गांव के रहने वाले बताया, जबकि एक सोनुआ थाना के लोटापहाड़ की रहने वाले है. उन्होंने बताया कि बैंगलुरू में काम दिलवाने के लिए ले जा रहा था. लेकिन कौन लेकर जा रहा था, इस संबंध में कोई भी नाबालिग नहीं बताया. आरपीएफ के महिला पुलिस ज्योति कुमारी भी पूछताछ की, लेकिन नाबालिकों ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया. इसके बाद आरपीएफ ने चाइल्ड लाइन सब सेंटर गोइलकेरा के टीम लीडर आनंद प्रधान को बुला कर सौंप दिया गया.

Also Read: DPS बोकारो में दो-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू, जानें प्राचार्य शेलत ने क्या कहा

हालांकि रात हो जाने के कारण सभी को चक्रधरपुर में रखा गया था. शनिवार को सभी को चाइल्ड लाइन सब सेंटर गोईलकेरा के टीम लीडर आनंद प्रधान और पंकजनी प्रधान को सौंप दिया गया. बाद में दोनों ने सभी नाबालिग को जिला बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया. जहां से उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया. बता दें कि झारखंड में पलायन की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. शुक्रवार को ही पश्चिमी सिंहभूम जिला से सैकड़ों की संख्या में यशवंतपुर ट्रेन से पलायन करते हैं, जिसका नजारा कभी भी देखा जा सकता है.

Exit mobile version