बरेली: RPF इंस्पेक्टर-कैंट चौकी इंचार्ज सस्पेंड, अवैध वेंडर से मोबाइल छीनने का आरोप, हेड क्वार्टर से हुए अटैच
बरेली जंक्शन के आरपीएफ इंस्पेक्टर अभिषेक बिजारणियां और चौकी इंचार्ज कैंट धर्मेंद्र सिंह को मुरादाबाद रेल मंडल के सीनियर कमांडेंट ने सस्पेंड कर दिया. इन दोनों को मुरादाबाद मुख्यालय से अटैच किया गया है.
बरेली : उत्तर रेलवे (एनआर) के बरेली जंक्शन के रेल प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) इंस्पेक्टर अभिषेक बिजारणियां और चौकी इंचार्ज कैंट धर्मेंद्र सिंह को मुरादाबाद रेल मंडल के सीनियर कमांडेंट ने रविवार शाम निलंबित (सस्पेंड) कर दिया है. इन दोनों को मुरादाबाद मुख्यालय से अटैच किया गया है. इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज पर अवैध वेंडर के खिलाफ कार्रवाई न करने के साथ ही अवैध वेंडरों से मोबाइल छीनने का आरोप है. इस मामले में चौकी इंचार्ज के खिलाफ जांच कराई गई थी. इसमें चौकी इंचार्ज दोषी मिले थे. अवैध वेंडर राजू कश्यप और महेंद्र कश्यप ने 8 अक्टूबर को कैंट चौकी इंचार्ज धर्मेंद्र सिंह पर मोबाइल छीनने का आरोप लगाया था.
आरपीएफ कमांडेंट ने कराई थी जांच
इस मामले में आरपीएफ कमांडेंट शनमुगा वडिवेल ने शिकायत की जांच कराई थी. जांच में चौकी इंचार्ज दोषी मिले. इसके साथ ही काफी समय से अवैध वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई न करने की भी शिकायत मिल रही थीं. इन्हीं शिकायतों को गंभीरता से लेकर बरेली जंक्शन के आरपीएफ इंस्पेक्टर अभिषेक बिजारणियां और चौकी इंचार्ज कैंट धर्मेंद्र सिंह को सीनियर कमांडेंट आरपीएफ शनमुगा वडिवेल ने सस्पेंड कर दिया है. इन दोनों को ही मुरादाबाद मुख्यालय से अटैच कर दिया गया है.
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सब इंस्पेक्टर मनोज सिंह को मिली जिम्मेदारी
सीनियर कमांडेट के बरेली जंक्शन आरपीएफ थाने का चार्ज सब इंस्पेक्टर मनोज सिंह को दे दिया है. जंक्शन आरपीएफ के इंस्पेक्टर अभिषेक बिजारणियां काफी समय से तैनात हैं. उनका व्यवहार यात्रियों के साथ ही अन्य लोगों के साथ बेहतर है. पिछले महीने उनको एक विशेष जांच के सिलसिले में हैदराबाद भी भेजा गया था. मगर, अधीनस्थों पर कम सख्ती रखने को लेकर कई बार सवाल भी उठे.
चौकी इंचार्ज की मिल चुकीं हैं कई शिकायत
कैंट चौकी इंचार्ज सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह को लेकर पहले भी शिकायतें मिली थी. धर्मेंद्र सिंह ने चार वेंडरों को पकड़ा था. उनसे मोबाइल और रुपये छीन लिए थे. उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की और बाद में मोबाइल वापस कर दिए. इस मामले में आरपीएफ थाने में न तो कोई लिखा-पढ़ी की गई और न ही उच्च अधिकारियों को कोई जानकारी दी गई. यह शिकायत कुछ वेंडरों ने अफसरों से की थी.
रिपोर्ट-मुहम्मद साजिद, बरेली