आरा : झारखंड के रामगढ़ जिले के बरकाकाना रेलवे कॉलोनी में पांच लोगों को गोली मारनेवाले आरपीएफ जवान को झारखंड पुलिस और भोजपुर पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर बिहार से गिरफ्तार कर लिया. उसकी गिरफ्तारी शुक्रवार की रात आरा के करथ गांव से हुई. उक्त आरोपित घटना के बाद से ही फरार चल रहा था. उसने पांच लोगों को गोली मारी थी, जिसमें तीन लोगों की मौत घटना स्थल पर ही हो गयी थी. दो लोगों की जान बच गयी.
गिरफ्तार आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह बताया जाता है, जो करथ गांव निवासी विनोद सिंह का पुत्र है. घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि झारखंड के रामगढ़ जिले के बरकाकाना रेलवे कॉलोनी में करीब आठ महीने पहले 17 अगस्त, 2019 को एक रेलवे का पोर्टर अशोक राम के परिवार के पांच लोगों को घर में घुसकर गोली मार दी थी, जिसमें अशोक राम, उनकी पत्नी लीला देवी तथा पुत्री वर्षा देवी की मौत हो गयी थी. इस घटना में सुमन कुमारी और पुत्र संजय राम जख्मी हो गये थे, जिनका इलाज के दौरान जान बच गया. घटना के बाद आरपीएफ का जवान फरार हो गया था.
इसको लेकर बरकाकाना रेल थाने में 18/19 मामला दर्ज किया गया था. शुक्रवार को पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि वांछित आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह अपने गांव में छीपा हुआ है, जिसके बाद तरारी थानाध्यक्ष अरविंद कुमार अपने दल-बल के साथ तथा झारखंड पुलिस के डीएसपी संजीव कुमार भेसरा, गोमो रेल के दारोगा मदन मोहन सिंह, रेल थानाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह दोनों संयुक्त रूप से छापेमारी कर थाने के करथ गांव से गिरफ्तार किया गया. उसने जिस पिस्तौल से गोली मारी थी उस सर्विस पिस्टल को भी जब्त कर लिया गया है. पकड़ा गया जवान वह मूल रूप से तरारी थाना क्षेत्र के करथ गांव का निवासी है. वारदात के बाद से ही पवन फरार चल आ रहा था. उसे झारखंड पुलिस तलाश रही थी और उसके घर की कुर्की भी की गयी थी. मृत रेलवे कर्मी अशोक राम का परिवार मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद जिले का था और सभी बरकाकाना रेलवे कॉलोनी में रहते थे.
आरपीएफ जवान पवन ने बताया कि प्रेम प्रसंग में घटना को अंजाम दिया गया था. उसने बताया कि अशोक राम की पुत्री प्रियंका से उसका प्रेम प्रसंग चल रहा था और उन लोगों द्वारा लगातार उसे ब्लैक मेलिंग किया जाता रहा. उसने घटना को अंजाम नहीं दिया, बल्कि किसी दूसरे ने घटना को अंजाम देकर उसे फंसा दिया है. बहरहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.