कोलकाता: दक्षिण 24 परगना जिले का भांगड़ इलाका रविवार को इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) व तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. सूचना पाकर स्थिति को सामान्य करने वहां पहुंची पुलिस पर भी आक्राशित भीड़ ने हमला कर दिया.
पुलिस को लक्ष्य कर कांच की बोतलें व ईंट-पत्थर फेंके गये. उग्र भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. करीब एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद स्थिति को शांत किया गया. पूरे मामले में एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. पुलिस ने मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. घटना के बाद से पूरे इलाके में भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गयी है.
जानकारी के मुताबिक भांगड़ इलाके के पद्मपुकुर मैदान में रविवार को फुटबॉल मैच का आयोजन होना था. आरोप है कि उसी मैदान में आइएसएफ की तरफ से धार्मिक सभा के लिए रविवार सुबह से ही लोग एकत्रित होने लगे थे.
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इलाके के तृणमूल के कुछ समर्थकों ने इस मैदान को पहले से ही फुटबॉल मैच के लिए बुक किये जाने की जानकारी दी और धार्मिक सभा नहीं करने देने पर अड़ गये. इसे लेकर दोनों पक्ष आपस में उलझ पड़े. आइएसएफ समर्थक उस मैदान में धार्मिक सभा करने की जिद पर अड़े थे.
नौबत मारपीट तक जा पहुंची. दोनों पक्ष उलझ पड़े. इधर, खबर पाकर भारी संख्या में पुलिसकर्मी वहां पहुंचे. पुलिस की टीम बीच-बचाव कर आइएसएफ समर्थकों को वहां से हटाने लगी.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जब वे स्थिति को सामान्य करने गये, तो भीड़ उन पर कांच की बोतल फेंकने लगी. भीड़ ने ईंट-पत्थर भी फेंके. हमले में तीन पुलिसकर्मी जख्मी हो गये. पुलिस को स्थिति सामान्य करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. भीड़ को वहां से हटाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा. इसमें करीब 10 से ज्यादा लोग घायल हो गये. काफी कोशिश के बाद पुलिस ने स्थिति को सामान्य किया.
तृणमूल की तरफ से कहा गया कि बिना किसी पूर्व सूचना के जिस मैदान में धार्मिक सभा का आयोजन किया गया था, उस मैदान को पहले से फुटबॉल मैच के लिए बुक किया गया था. इस कारण वहां धार्मिक सभा करने के लिए बाधा दी गयी थी. आइएसएफ समर्थक सभा करने पर अड़े थे. इससे मामले ने तूल पकड़ा.
इधर, आइएसएफ प्रमुख अब्बास सिद्दीकी का कहना है कि भांगड़ में बिना किसी बड़ी वजह के धार्मिक सभा करने व उसमें शामिल होने में तृणमूल समर्थकों व पुलिसकर्मियों की ओर से बाधा दी गयी. उनके समर्थकों पर हमला किया गया. इसके कारण मामला बढ़ा.