पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के करुणामयी में एसएफआई (SFI) और डीवाईएफआई (DYFI ) की ओर से लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. टेट (TET) पास प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर वबाल मचा हुआ है. एसएफआई और डीवाईएफआई की ओर से सुबह से ही करुणामयी में हंगामा जारी है. प्राथमिक शिक्षा मंडल के कार्यालय के सामने लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है. गौरतलब है कि वर्ष 2014 के कुछ टेट उम्मीदवारों को कल रात को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था जिसके विरोध में एसएफआई और डीवाईएफआई की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. कई एसएफआई समर्थकों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है.
#WATCH | West Bengal: Police personnel drag Teacher Eligibility Test (TET) qualified candidates who're protesting near the head office of West Bengal Board of Primary Education in Kolkata regarding job recruitment. Section 144 of CrPC imposed in the area pic.twitter.com/Begne3eODc
— ANI (@ANI) October 21, 2022
एसएफआई और डीवाईएफआई के समर्थकों की ओर से किये जा रहे प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ उनकी धक्का -मुक्की भी हुई है. लगातार हंगामा जारी है. कई महिला समर्थकों को पुलिस वैन में गिरफ्तार करके ले गई है. पुलिस की ओर से विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने के लिये माइकिंग की जा रही है. लेकिन समर्थकों का कहना है कि टेटे उम्मीदवारों की नियुक्ति की जाये तभी यह प्रदर्शन समाप्त होगा. कोलकाता में लगातार टेट व शिक्षक नियुक्ति मामले को लेकर हंगामा जारी है. वहीं स्थिति को संभालने के लिए इलाके में आरएएफ को तैनात किया गया है. कई लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, इसके बावजूद लगातार प्रदर्शन जारी है. पूरे इलाके को पुलिस ने चारों तरफ से घेर लिया है.
Also Read: सौरभ गांगुली के समर्थन में ममता बनर्जी ने खोला मोर्चा, केंद्र सरकार पर बरसीं तृणमूल सुप्रीमोकरुणामयी में चल रहे प्रदर्शन के बीच डीवाईएफआई नेता मीनाक्षी मुखोपाध्याय ने भी सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पुलिस बंगाल में आंदोलन से डरती है. हमलोग शांति से प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन पुलिस ने जबरन इस प्रदर्शन को हंगामे मे बदला है. टेट उम्मीदवारों को नौकरी दें वरना यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. इस दौरान पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.
फिल्म निर्देशक अपर्णा सेन ने साल्टलेक की घटना का विरोध करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा तृणमूल सरकार भूख हड़ताल करने वालों के लोकतांत्रिक अधिकारों में हस्तक्षेप कर रही है. अहिंसक आंदोलन के खिलाफ धारा 144 क्यों जारी की गयी ? सरकार के अनैतिक व्यवहार का पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए. मुझे लगता है कि शांतिपूर्ण आंदोलन चल रहा है, मौलिक लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो रहा है. कहा गया है कि उन्होंने धारा 144 का पालन नहीं किया गया. मुझे समझ नहीं आता कि शांतिपूर्ण आंदोलन के खिलाफ धारा 144 क्यों जारी की गई.
Also Read: West Bengal: पुलिस ने टेट पास अभ्यर्थियों को देर रात धरनास्थल से हटाया, भाजपा ने दी आंदोलन की चेतावनी