प्राचीन परंपरा और शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष को भगवान शिव की आंखों से विकसित हुआ माना जाता है, इसलिए इसे रुद्राक्ष कहा गया. रुद्र का अर्थ है शिव और अक्ष का अर्थ है आंख. शिव पुराण के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति को भगवान शिव के आंसू से हुआ. इसमें कहा गया है कि लोगों के कल्याण के लिए कई वर्षों तक जब ध्यान करने के बाद भगवान शिव ने अपनी आंखें खोलीं, तो आंसुओं की बूंदें गिरीं और धरती से रुद्राक्ष के पेड़ों जन्म हुआ. जानें रूद्राक्ष धारण करने के क्या फायदे हैं. इससे हेत संबंधी किस तरह की परेशानी को दूर करने में सहायता मिलती है.
शरीर और मन के लिए फायदेमंद
रुद्राक्ष से शरीर को शक्ति मिलती है. यह रोगों से लड़ने और स्वास्थ्य में तेजी से सुधार करने में लाभदायक होता है. आयुर्वेद की मानें तो रुद्राक्ष शरीर को मजबूती प्रदान करता है. ये रक्त की अशुद्धियों को दूर करता है. ये मानव शरीर के अंदर के साथ-साथ बाहर के बैक्टीरिया को भी दूर करने में सहायक है. रुद्राक्ष सिर दर्द, खांसी, लकवा, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग से संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी फायदेमंद होता है.
रूद्राक्ष धारण करने से आती है चेहरे पर चमक
रुद्राक्ष को धारण करने से चेहरे पर चमक आती है, इसे धारण करने वाले का व्यक्तित्व शांत और आकर्षक होता है. रूद्राक्ष की माला के साथ जप करने से आध्यात्मिक शक्ति और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है. धार्मिक दृष्टिकोण से ऐसा माना गया है कि रुद्राक्ष को धारण करने से पूर्व जन्म के पापों का नाश होता है. रुद्राक्ष धारण करने से भगवान रुद्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
रुद्राक्ष बुराई और नकारात्मक प्रभाव को दूर करता है
रुद्राक्ष को आध्यात्मिक मनका भी कहा जाता है. प्राचीन काल से आध्यात्मिक शक्ति, आत्मविश्वास, साहस को बढ़ाने और सकारात्मक दृष्टिकोण प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है.