Saawan Kalashtami 2023: कालाष्टमी के दिन काल भैरव देव की पूजा-उपासना की जाती है. साथ ही विशेष कार्य में सिद्धि प्राप्ति हेतु व्रत उपवास भी रख जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अष्टमी तिथि के दिन ही भगवान काल भैरव प्रकट हुए थे. ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से घर में फैली हुई सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है.
हिन्दू पंचांग के अनुसार, सावन महीने की अष्टमी तिथि 9 जुलाई को शाम में 07 बजकर 59 मिनट से शुरू होकर 10 जुलाई को 06 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी. कालाष्टमी पर रात्रि प्रहर में भैरव देव की पूजा की जाती है. अतः 9 जुलाई को कालाष्टमी मनाई जाएगी.
काल भैरव को भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है.वह समस्त पापों और रोगों का नाश करने वाले हैं.हिंदू शास्त्रों के अनुसार कालाष्टमी के दिन श्रद्धापूर्वक वर्त रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है.इस दिन व्रत रखकर कुंडली में मौजूद राहु के दोष से भी मुक्ति मिलती है.
इस दिन भैरव चालीसा का पाठ करना चाहिए. कालाष्टमी के पावन दिन पर कुत्ते को भोजन कराना चाहिए. ऐसा करने से भैरव बाबा प्रसन्न होते हैं और सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं भैरव बाबा का वाहन कुत्ता होता हैं इसलिए इस दिन कुत्ते को भोजन कराने से विशेष फल की प्राप्ति भक्तों को होती हैं.
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